ब्रितानी सरकार ने कहा है कि वह रेलगाड़ियों में वाईफ़ाई सुविधा को अपग्रेड करके उसे मौजूदा स्थिति से 10 गुना तेज़ बनाएगी.
आख़िर ये कैसे होगा? जस्टिन पार्किंसन ने यही जानने की कोशिश की.
उधर, भारत में भी मंगलवार को पेश किए गए रेल बजट में देश के पचास रेलवे स्टेशनों को वाई-फ़ाई की सुविधा से लैस करने की बात कही गई है.
भारत की स्थिति
पिछली सरकार ने भी ट्रेनों और स्टेशनों को वाईफ़ाई से युक्त करने की घोषणा की थी. पायलट प्रोजक्ट के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को चुना गया था.
पिछले साल तीन अप्रैल से नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस को वाई-फ़ाई की सुविधा से लैस किया गया.
यात्रा के दौरान 4 एमबीपीएस की डाउनलोडिंग और 512 केबीपीएस की अपलोडिंग सुविधा मुफ़्त उपलब्ध कराई गई.
रेलवे ने राजधानी के अतिरिक्त शताब्दी और दुरंतो एक्सप्रेस में भी वाईफ़ाई की सुविधा देने की घोषणा की थी.
लेकिन ब्रिटेन में लोग यात्रा के दौरान वाईफ़ाई डिस-कनेक्ट हो जाने को पसंद नहीं करते.
ब्रिटेन में इस सुविधा को नौ करोड़ पाउंड की लागत से सुधारा जाएगा.
इससे उम्मीद की जा रही है कि यह सुविधा अभी जिस रफ़्तार से चल रही है, उससे 10 गुना तेज़ हो जाएगी.
अभी ट्रेनों में सामान्य मोबाइल फ़ोन के ज़रिए 3जी सिग्नल मिलते हैं, जिसे वाईफ़ाई के ज़रिए यात्रियों को भेजा जाता है.
इसमें कुछ दिक़्क़तें भी हो सकती हैं ख़ासकर ट्रेन जब ग्रामीण इलाक़ों या किसी सुरंग से होकर गुज़र रही हो.
पेड कनेक्शन
इसका संचालन कर रही कंपनियां कई बार ट्रेन में कनेक्शन के लिए पैसा लेती हैं, वहीं कुछ वाईफ़ाई की सुविधा ही नहीं देती हैं.
कंपनियां रेल पटरियों के साथ-साथ अपने ट्रांसमीटर लगा रही है. उनका कहना है कि इससे पूरा नेटवर्क कनेक्शन मिलेगा.
अगले तीन-चार साल में लंदन, मैनचेस्टर और लीड्स रूट के यात्री इसका फ़ायदा उठा सकेंगे.
वेस्ट ससेक्स रेल यूज़र्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष ट्रेवोर टुपपर कहते हैं, ”सरकार ने इसकी घोषणा की है. लेकिन विस्तृत विवरण बाद में आएगा.”
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