सर्वोच्च न्यायालय ने दहेज विरोधी क़ानून के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसे मामलों में पुलिस स्वत: ही अभियुक्त को गिरफ़्तार नहीं कर सकती, लेकिन सर्वोच्च अदालत का ये कहना क्या उन महिलाओं के लिए चिंता का विषय नहीं है जिन्हें दहेज प्रथा के कारण प्रताड़ना का सामना करता है.
दरअसल दहेज विरोधी कानून के अंतर्गत कथित प्रताड़ना का आरोप दर्ज होने के ठीक बाद पुलिस सीधे महिला के पति और परिवारवालों को गिरफ़्तार कर सकती थी लेकिन इस आदेश में पुलिस से कहा गया है कि पुलिस को गिरफ़्तारी से पहले खुद को कुछ मुद्दों पर संतुष्ट करना होगा.
कई महिला कार्यकर्ताओं ने इस आदेश पर चिंता जताई है कि इससे दहेज पीड़ित महिलाओं के लिए अपने मामले को साबित करना मुश्किल हो सकता है और उनकी परेशानी बढ़ सकती है.
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