लाहौर : पिछले वर्ष आम चुनावों के दौरान ईमानदार और नेक नहीं होने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य ठहराने के लिए दायर दूसरी याचिका पर सुनवाई सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी. एक न्यायाधीश ने निजी कारणों का हवाला देते हुए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया, जिसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गयी.
खान (66) के खिलाफ दूसरी याचिका लाहौर उच्च न्यायालय में दो याचिकाकर्ताओं ने दायर कर उन्हें प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहराने की मांग की थी. याचिका में उनके ईमानदार और नेक नहीं होने के आरोप लगाते हुए कहा गया कि 2018 के चुनावों में उन्होंने अपने एक पूर्व पार्टनर की बेटी का पिता होने की बात छिपायी. इससे पहले 21 जनवरी को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इसी तरह की याचिका रद्द कर दी थी. तब अदालत ने कहा था कि यह सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि यह निजी मामले से जुड़ा हुआ है. लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शाहिद वाहिद और न्यायमूर्ति ममून राशिद शेख की पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई की. डॉन अखबार ने खबर दी कि न्यायमूर्ति वाहिद ने निजी कारणों से खुद को सुनवाई से अलग कर लिया.