इस्लामाबाद : शांति की पहल करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के गुनाहगार हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है. जमात-उद-दावा प्रमुख पर पहले से ही शिकंजा कसा हुआ है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जमीन का देश के बाहर आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल होने की इजाजत देना हमारे हित में नहीं है.
खान स्पष्ट रूप से भारत के उस रुख का जिक्र कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते हैं और पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से आतंकवादियों को मदद उपलब्ध कराना बंद करने के लिए प्रभावी और विश्वसनीय कार्रवाई करनी चाहिए. खान ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान कहा, देश के बाहर आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत देना हमारे हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और बात करने में खुशी होगी. खान ने कहा, यहां के लोगों की मानसिकता बदल चुकी है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या कश्मीर मुद्दे का समाधान संभव है, तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ भी असंभव नहीं है. उन्होंने कहा, मैं किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हूं. कश्मीर का हल एक सैन्य समाधान नहीं हो सकता. हालांकि, उन्होंने कहा कि शांति के प्रयास एकतरफा नहीं हो सकते हैं. खान ने कहा, हम नयी दिल्ली के संकेत के लिए भारत में होनेवाले चुनावों (आम चुनावों) की प्रतीक्षा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने मुंबई हमले के गुनाहगारों को सजा देने पर कहा, हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है. जमात-उद-दावा प्रमुख पर पहले से ही शिकंजा कसा हुआ है.
हाफिज सईद और मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा कि उनकी सरकार को यह मसले विरासत में मिले हैं. उन्होंने कहा कि अतीत के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इतिहास से हमें सीखना चाहिए, उसमें रहना नहीं चाहिए. गौरतलब है कि दाऊद 1993 में मुंबई बम धमाकों और हाफिज सईद 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है. दाऊद मुंबई धमाकों के बाद लगातार पाकिस्तान में रह रहा है. एक दिन पहले करतारपुर कोरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में इमरान खान ने भारत से संबंध बढ़ाने की बात की थी. हालांकि, इस मौके पर उन्होंने आतंकवाद पर चुप्पी साधे रखी और धार्मिक कार्यक्रम में कश्मीर का मुद्दा उठा दिया था. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति भी दर्ज करायी.