कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कि वो शाही इमाम को सांप्रदायिक विचारधारा का व्यक्ति मानते हैं.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं हमेशा से इमाम बुख़ारी साहब को सांप्रदायिक विचारधारा का व्यक्ति मानता हूं. क्योंकि उन्होंने 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी जी के पक्ष में फ़तवा भी दिया था. इसलिए मैं उन्हें सेक्यूलर आदमी नहीं मानता."
अप्रैल 2014 में कांग्रेस महासचिव सोनिया गांधी दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुख़ारी के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल से मिली थीं और कथित ‘धर्मनिरपेक्ष वोट’ को बंटने से रोकने के लिए उनसे अपील की थी.
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इसके बाद अहमद बुख़ारी ने मुस्लिमों से आम चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की थी.
इस पर काफी विवाद हुआ था. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया था कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी सांप्रदायिकता फैला रही हैं.
अहंकार नहीं आत्मचिंतन
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इस बीच कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, "आज नेताओं का इस तरीके़ की बातें करना बिलकुल मुनासिब नहीं. आज हमें ये देखना है कि हम कांग्रेस को कैसे मजबूत कर सकते हैं. अगर कोई राय देनी भी है तो पार्टी फोरम पर देनी चाहिए. मीडिया में इस तरह से बयान देना सही नहीं है. इस तरह के बयान से कांग्रेस और कमजोर होगी."
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भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "इतनी बुरी हार के बावजूद कांग्रेस के कुछ नेताओं में अभी भी उसी तरह का अहंकार भरा हुआ है. उन्हें अहंकार छोड़ आत्मचिंतन करना चाहिए."
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