लक्ज़ेमबर्ग के पूर्व प्रधानमंत्री ज्यौं क्लोद युंकर ने कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वो ब्रिटेन के विरोध के बावजूद यूरोपीय आयोग के अगले अध्यक्ष बनेंगे.
युंकर ने जर्मनी के सबसे बड़े अखबार ‘बिल्ड’ से बातचीत में कहा कि उनके विरोधियों को यूरोपीय संघ को ब्लैकमेल करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
पिछले हफ्ते हुए यूरोपीय चुनावों में मध्य-दक्षिणपंथी समूह की भागीदारी यूरोपीय संसद में सर्वाधिक होगी और युंकर इसी समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं.
इसके अलावा युंकर को जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल का भी समर्थन हासिल है.
लेकिन ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के कुछ अन्य सदस्य चाहते हैं कि यूरोपीय आयोग का अध्यक्ष बनने वाला व्यक्ति ज्यादा सुधारवादी विचार वाला होना चाहिए.
कैमरन की चेतावनी
जर्मन पत्रिका ‘डेर स्पीगल’ के मुताबिक़ ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी है कि अगर लक्ज़मबर्ग के पूर्व प्रधानमंत्री ज्यौं क्लोद युंकर यूरोपीय संघ के अध्यक्ष बनते हैं तो ब्रिटेन यूरोपीय संघ छोड़ सकता है.
पत्रिका में कैमरन को यह कहते हुए रिपोर्ट किया गया है कि युंकर की नियुक्ति उनकी सरकार को अस्थिर कर सकता और जो यूरोपीय संघ के सदस्य बने रहने पर जनमत संग्रह की ओर ले जा सकता है.
जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल की दक्षिणपंथी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन मध्य दक्षिणपंथी समूह का हिस्सा है. इस समूह ने यूरोपीय संसद के हालिया चुनावों में 751 में से 213 सीटें जीती हैं और मर्केल ने अध्यक्ष पद के लिए युंकर की उम्मीदवारी का समर्थन किया है.
युंकर को यूरोपीय संघ के देशों के वित्तमंत्रियों के समूह का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है. इस समूह को कर्ज से जूझ रहे देशों के लिए सख़्त फ़ैसले लेने थे.
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