ऐसा कहा जाता है कि फ़िल्म की रिलीज़ से पहले ‘कंट्रोवर्सी’ हो गई तो फ़िल्म चल जाएगी. बात कुछ हद तक सही भी लगती है. लेकिन ‘पद्मावत’ के बारे में यही बात पक्के तौर पर नहीं कही जा सकती.
‘पद्मावत विवाद’: क्या-क्या हुआ
फ़िल्म पर जबरदस्त विवाद होता आ रहा है. फ़िल्म की शूटिंग के शुरुआत में करणी सेना के सदस्यों ने सेट पर तोड़फोड़ मचाई थी और संजय लीला भंसाली को थप्पड़ तक मारा था.
इसके बाद उन्हें राजस्थान से बोरिया-बिस्तर समेटकर हटना पड़ा था. फिर भंसाली ने बाकायदा सफ़ाई भी दी.
हालांकि विवाद यहां खत्म नहीं हुआ बल्कि बढ़ता ही चला गया. फ़िल्म में रानी पद्मावती की छवि को नुक़सान पहुंचाने के आरोप में करणी सेना और राजपूत संगठनों ने खूब हंगामा मचाया.
हारकर, भंसाली ने फ़िल्म का वो अहम ‘ड्रीम सीक्वेंस’ हटा दिया जिसमें रानी पद्मावती (दीपिका पादुकोण) और अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह) के बीच रोमांस दिखाया गया था.
सीबीएफ़सी ने फ़िल्म में पांच सीन काटे और फ़िल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर दिया गया.
‘घूमर’ में दीपिका की कमर कैसे ढंक गई?
गुजरात में रिलीज़ हो पाएगी भंसाली की ‘पद्मावत’?
इसके बाद अख़बारों में फ़ुल पेज डिस्क्लेमर दिया गया जिसमें तमाम आरोपों को ख़ारिज करते हुए बताया गया कि फ़िल्म कैसे राजपूती शान को बढ़ाती है. इतना ही नहीं, फ़िल्म के लोकप्रिय गाने ‘घूमर’ में दीपिका पादुकोण की कमर भी ढंक दी गई.
इतना सब होने के बाद मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात राज्य की सरकारों ने ‘कानून-स्थिति’ बिगड़ने का हवाला देकर फ़िल्म रिलीज़ करने से इनकार कर दिया.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर सेंसर बोर्ड ने किसी फ़िल्म को पास कर दिया है तो राज्य सरकारों को उसे रोकने का अधिकार नहीं है.
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कई जगहों से ऐसी ख़बरें भी आ रही हैं कि सिनेमाघरों के मालिक डरे हुए हैं और इसलिए उन्होंने फ़िल्म न दिखाने का फ़ैसला किया है.
क्या डूब जाएंगे फ़िल्म के पैसे?
वैसे तो संजय लीला भंसाली का विवादों से पुराना नाता है लेकिन इस बार ये कुछ ज्यादा ही हो गया. अब सवाल ये है कि क्या उन्हें इसका फ़ायदा होगा या नुक़सान?
तकरीबन 200 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फ़िल्म बॉलीवुड की सबसे महंगी फ़िल्मों में से एक है. क्या फ़िल्म अपनी कॉस्ट रिकवर कर पाएगी?
बॉक्स ऑफ़िस के आंकड़ों पर नज़र रखने वाले कोमल नहाटा कहते हैं, "मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं कि फ़िल्म अच्छी कमाई करेगी. अभी रिलीज़ को लेकर आशंकाएं हैं लेकिन एक बार फ़िल्म रिलीज होगी तो आगे का रास्ता साफ़ हो जाएगा.’
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उन्होंने कहा कि लोग फ़िल्म देखने जाएंगे और उन्हें ख़ुद लगेगा कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. इसके बाद विरोधियों का मुंह बंद हो जाएगा.
कोमल नहाटा के मुताबिक, "अगर भारत में कुछ जगहों पर फ़िल्म नहीं भी रिलीज़ होती है तो इसका कुछ ख़ास फ़र्क नहीं पड़ेगा. दूसरे कई देशों में तो रिलीज़ होगी ही.’
उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी कमाई के कई ज़रिए हैं मसलन- सैटेलाइट राइट्स, म्यूज़िक राइट्स और ब्रैंड प्लेसमेंट से.
बीता हुआ वक़्त गवाह है…
- भंसाली की फ़िल्म ‘रामलीला’ पर भी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओँ को आहत करने के आरोप में बहुत हो-हल्ला हुआ था. इसके बाद फ़िल्म का नाम बदलकर ‘गोलियों की रासलीला: रामलीला’ करना पड़ा था. इसने 113 करोड़ रुपये का बिज़नस किया था.
- दो साल पहले पंजाब में ड्र्ग्स की समस्या पर बनी ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर भी खूब हंगामा हुआ था और मामला कोर्ट में पहुंच गया था. आख़िरकार फ़िल्म रिलीज़ हुई और ठीकठाक बिज़नस भी कर ले गई. तकरीबन 40 करोड़ के बजट में बनी इस फ़िल्म ने लगभग एक अरब का कारोबार किया था.
- साल 2006 में आमिर ख़ान और काजोल की फ़िल्म ‘फ़ना’ गुजरात में रिलीज़ नहीं हो पाई थी क्योंकि आमिर ख़ान ने नमर्दा बांध से विस्थापित हुए लोगों के मुद्दे पर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कुछ टिप्पणी थी. इसके बावजूद छोटे बजट की इस फ़िल्म ने अकेले भारत में 72 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी.
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