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कौन बनेगा गुजरात का अगला मुख्यमंत्री …..विजय रुपाणी या कोई और ..
गुजरात चुनाव के नतीजे लगभग स्पष्ट हैं लेकिन अब निगाहें गुजरात के सीएम के कुर्सी पर होगी. गुजरात में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. इस बात पर अब भी भाजपा के ओर से स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाये हैं. भाजपा ने किसी को मुख्यमंत्रीपद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर चुनाव नहीं लड़ा था. चुनाव […]
गुजरात चुनाव के नतीजे लगभग स्पष्ट हैं लेकिन अब निगाहें गुजरात के सीएम के कुर्सी पर होगी. गुजरात में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. इस बात पर अब भी भाजपा के ओर से स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाये हैं. भाजपा ने किसी को मुख्यमंत्रीपद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर चुनाव नहीं लड़ा था. चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने कहा था किविजय रूपानी व नितिन पटेल ही भाजपा के राज्य में चेहरे हैं.तब से भाजपा के मुख्यमंत्री के नामों को लेकर कयास जारी है. ज्यादा संभावना है कि विजय रूपाणी अगले मुख्यमंत्री होंगे.
मुख्यमंत्री के चुनाव में इन बातों का ध्यान रखते हैं शाह और मोदी
घनघोर पटेल आंदोलन के बीच अमित शाह ने आनंदी बेन को कुर्सी से हटाया और विजय रूपाणी को कमान सौंपी. अमित शाह और मोदी देश में जाति अधारित राजनीति के खिलाफ नया समीकरण खड़ा करना चाहते हैं. झारखंड में गैर आदिवासी सीएम के रूप में रघुवर दास, हरियाणा में गैर जाट सीएम मनोहर लाल खट्टर का चयन किया गया. इन मुख्यमंत्रियों के पृष्ठभूमि पर गौर करे तो एक बात सामान्य है कि भाजपा नेतृत्व वैसे लोगों को सत्ता नहीं सौंपना चाहती जो भविष्य में जाति आधारित राजनीति को हवा दे सकें या जाति आधारित राजनीति के चेहरे के रूप में पहचाने जायें.
मोदी और शाह पुराने स्थापित नेताओं की बजाय नये नेता लाने पर जोर देते हैं. अगर भाजपा के क्षेत्रीय नेतृत्व पर गौर करें तो बीजेपी के मुख्यमंत्री जिन्होंने एक नेता के रूप में खुद को स्थापित कर लिया है, उनमें देवेंद्र फडणवीस, योगी आदित्यनाथ शामिल हैं. रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान व वसुंधरा राजे अन्य प्रमुख क्षेत्रीय नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने मजबूत नेता की छवि बनायी है.
युवा नेता हो सकता है सीएम
गुजरात में राज्य भाजपा को लेकर जनता के बीच काफी आक्रोश है. जनता के इस आक्रोश की झलक उस वक्त मिली जब प्रधानमंत्री के भाषणों के दौरान अधिकांश कुर्सियां खाली थी. लोगों में गुस्सा था लेकिन कांग्रेस मुख्यमंत्री के रूप में कोई विश्वस्त चेहरा पेश नहीं कर पायी. भाजपा के सामने अब ऐसे चेहरे को आगे करने की चुनौती है जो युवाओं के उम्मीदों पर खरे उतरे. संभव हो ऐसे शख्स की आयु 40-50 वर्ष के बीच हो जो आने वाले दस-पंद्रह सालों तक गुजरात में भाजपा को मजबूत रखे.
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