गुजरात चुनाव की तारीख़ों का ऐलान चुनाव आयोग जल्द ही करेगा. लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी प्रचार और एक-दूसरे पर तंज कसना शुरू कर दिया है.
‘गुजरात गौरव यात्रा’ के समापान पर पीएम मोदी गांधीनगर पहुंचे. इस मौके पर पीएम मोदी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को मैन ऑफ़ द मैच बताते हुए यूपी समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत के लिए शाह को ज़िम्मेदार बताया.
पीएम मोदी की आज की रैली पर विरोधियों की भी निगाहें थीं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कहा था, ”चुनाव से पहले गुजरात में होगी जुमलों की बारिश.”
ज़ाहिर है विरोधियों पर तंज करने से पीएम मोदी भी नहीं चूके. पीएम मोदी ने कहा, ”जब जब गुजरात का चुनाव आता है, कांग्रेस को बुख़ार ज़्यादा आता है, तकलीफ़ ज़्यादा होती है.”
पढ़िए मोदी के भाषण की 7 ख़ास बातें
- जिस कांग्रेस पार्टी ने इतने बड़े-बड़े नेता दिए, उनकी भाषा इतने नीचे गिर सकती है, मैं ये कभी सोच नहीं सकता था. इस पार्टी का हाल ऐसा कैसे हो गया. इसका कारण यही है कि उन्होंने सकरात्मक सोचना बंद कर दिया.
- कांग्रेस पार्टी और इस परिवार के लिए आंख में हमेशा चुभता रहा है. सरदार वल्लभभाई पटेल और उनकी बेटी मनिभाई पटेल के साथ इस परिवार और पार्टी ने क्या व्यवहार किया, वो इतिहास गवाह है. मैं उसको दोबारा दोहराना नहीं चाहता.
- मुझे जेल में डालने के लिए, कांग्रेस ने तय किया था कि जब तक अमित शाह को जेल में नहीं डालेंगे, तब तक मोदी तक पहुंच नहीं पाएंगे और आज देख लिया कि सच कैसे उभर कर आ गया. आप कहां हैं और हम कहां हैं?
- पंडित नेहरू ने जिस नर्मदा योजना का शिलान्यास किया था लेकिन इसलिए आपकी आंख में चुभती थी, क्योंकि इसकी परिकल्पना सरदार पटेल ने की थी. इसलिए आपने उसे पूरा नहीं करने दिया.
- कांग्रेस पार्टी विकास के मुद्दे पर हमेशा भागती रही है. मेरी बहुत इच्छा थी कि कांग्रेस विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़े. लेकिन ये लोग कौमी, सांप्रदायिक मुद्दे उठाना, ज़हर फैलाना में व्यस्त रहे. विकास के मुद्दे पर चुनाव कांग्रेस ने कभी नहीं लड़ा. कांग्रेस पार्टी में वो दम नहीं है.
- इन लोगों को बीजेपी, गुजरात, सरदार पटेल और जनसंघ पसंद नहीं था. ज्योति संघ नाम की अहमदाबाद में एक संस्था चल रही है. मैंने सुना है कि 50-60 के दशक में नेहरू यहां आते थे.
- मैंने सुना है कि नेहरू ज्योति संघ के कार्यक्रम में ज्योति संघ बोलना भूल जाते थे और बार-बार जनसंघ बोलते थे. तब तो जनसंघ बालक था, पालने में झूल रहा था. तब भी पंडित नेहरू कांप रहे थे. आज बीजेपी से इनका कांपना स्वभाविक है.
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