बिहार के वैशाली ज़िले के एक गांव का नाम बदलने के लिए आवेदन जमा किए जाने का मामला सामने आया है.
एक संगठन वैशाली ज़िले के गांव शाहपुर कासिम का नाम बदलकर शिवपुर करने के लिए करीब डेढ़ साल से अभियान चला रहा है.
हिंदू पुत्र संगठन के ज़िला सचिव राजीव ब्रह्मर्षि के मुताबिक यह एक शुद्धिकरण अभियान है. राजीव कहते हैं, "इस्लामी आक्रमणकारियों द्वारा हमारे नामों का जो भी अशुद्धीकरण किया गया था, हम उसके शुद्धीकरण में लगे हैं."
वह कहते हैं कि ऐसा करने के लिए उन्हें किसी भी दस्तावेज़ की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "हम कोई दस्तावेज़ नहीं खोजते. बस यही करते हैं कि जहां कहीं हमें लगता है कि हमारे (हिंदुओं के) ऊपर अत्याचार किया होगा, हम उसे सुधारने की कोशिश करते हैं."
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बातचीत में राजीव इस बात से भी उत्साहित नज़र आए कि बिहार में अब ऐसी सरकार है जहां उनकी बात को सुना जाता है.
इस संगठन ने इस सिलसिले में एक अगस्त को बैठक की और अगले दिन दर्जनों ग्रामीणों के हस्ताक्षर वाला आवेदन प्रशासन को सौंपा.
नाम बदलने की वजह
आवेदन में नाम बदलने की वजह अलग बताई गई है. इसमें कहा गया है कि यहां एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है और यह गांव शिव के भक्तों का केंद्र है. इस कारण गांव का नाम बदला जाए.
शाहपुर कासिम में करीब एक तिहाई आबादी मुस्लिमों की है. संगठन का दावा है कि गांव का नाम सभी की सहमति से बदला गया है. गांव के एक मुस्लिम युवक मोहम्मद रिज़वान ने बीबीसी से बातचीत में इसकी पुष्टि भी की.
रिज़वान ने बताया, ‘हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है. गांव के सभी लोगों की राय से नाम बदला जा रहा है.’
गांव में लगा दिए बैनर
तीन अगस्त को संगठन की ओर से एक हवन का भी आयोजन किया गया था और इलाके में शिवपुर नाम वाले बैनर भी लगाए गए थे.
ज़िला प्रशासन के मुताबिक इलाके में स्थिति सामान्य है.
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