कोलकाता: निर्वाचन आयोग के उप मुख्य चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी के साथ बैठक के दौरान राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों ने कहा कि यहां का प्रशासन अर्थात डीएम व एसपी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर ही कार्य कर रही है. विरोधी पार्टियों को चुनावी सभा करने के लिए भी अनुमति नहीं दी जा रही है. सुरक्षा का हवाला देकर चुनाव सभा के आवेदनों को खारिज किया जा रहा है.
इस संबंध में उप मुख्य चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इस संबंध में सभी जिलों के डीएम व एसपी के साथ-साथ विभिन्न कमिश्नरेट के आयुक्त को किसी भी पार्टी द्वारा चुनावी सभा के लिए दिये गये आवेदन को 48 घंटे के अंदर अनुमति देने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सभी डीएम व एसपी को लगातार आयोग को रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया गया है.
चुनाव खर्च पर आयोग की है पैनी नजर
उन्होंने कहा कि पांच मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद ही यहां होनेवाले चुनावी खर्च पर आयोग की नजर है, जहां भी कानून का उल्लंघन दिखता नजर आयेगा, आयोग तुरंत कार्रवाई करेगा. विरोधी पार्टियों द्वारा तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोगों को धमकाने का भी आरोप लगाया गया. इस संबंध में श्री जुत्शी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, इसकी शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने सभी जिलों के डीएम व एसपी को इस प्रकार के किसी भी मामले में जिस व्यक्ति या पार्टी द्वारा यह कार्य किया जा रहा है, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और साथ ही इस संबंध में आयोग को भी पल-पल की जानकारी देने को कहा है.
उप मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानस भूंइया ने कहा कि बंगाल में वाममोरचा के समय जिस प्रकार से मतदान के दौरान हिंसा फैलाया जाता था, अब तृणमूल कांग्रेस भी उसी नक्शे कदम पर चल रही है. यहां कानून-व्यवस्था दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. विरोधी पार्टी की आवाज को प्रशासन भी सुन नहीं रहा है, उनको आयोग से इस ओर ध्यान देने को कहा है ताकि यहां के लोग भय मुक्त होकर मतदान कर सके. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर सीएपीएफ के जवानों को तैनात करने की मांग की.
वहीं, माकपा के नेता रबिन देव ने उप मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष यहां के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील गुप्ता के खिलाफ ही शिकायत दर्ज करायी, उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ही निष्क्रिय हैं और उनके द्वारा लगाये गये आरोपों की ना ही जांच होती है और ना ही कोई कार्रवाई. हालांकि चुनाव अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि यहां मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन हो रहा है, कई पार्टियां व उसके नेता चुनावी आचार संहिता को ताक पर रख कर कार्य कर रहे हैं. अभी रोजाना कम से कम 20 ऐसे मामले दर्ज कराये जा रहे हैं. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने पूरी मतदान प्रक्रिया का लाइव टेलीकास्ट कराने का प्रस्ताव पेश किया है. इसके साथ ही राज्य में कानून-व्यवस्था पर और ध्यान देने का अर्जी रखी.