वाशिंगटनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने अमेरिकी दौरे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के बाद मिर्ची लग गयी है. दुनिया के दिग्गज इन दोनों नेताआें के मिलने के बाद खीझ में उसने कहा है कि भारत एक टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. चीन की ओर से कहा गया है कि अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ एक टूल की तरह इस्तेमाल कर रहा है. अमेरिका ने कभी भी सुरक्षा परिषद में भारत की जगह के लिए कोई ठोस दावेदारी नहीं की है.
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चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि अमेरिका की ओर से एक नोट में कहा गया था कि भारत अमेरिका का एक सच्चा दोस्त है. इससे यह साफ था कि अमेरिका बीजिंग पर निशाना साधने के लिए नयी दिल्ली का इस्तेमाल करेगा. अखबार में लिखा है कि भारत भले ही इस पर थोड़ा गर्व महसूस कर सकता है कि वह अमेरिका का अहम साथी बन रहा है, लेकिन यह अमेरिका की ओर से एक ट्रैप है. जिसमें भारत का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चीन ने कहा कि आखिर अभी तक जमीन पर क्या हुआ है. बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल में भारत को सुरक्षा परिषद में सीट दिलवाने का वादा किया था, लेकिन क्या इस वादे पर कुछ अमल हुआ, नहीं. क्या इस दौरे के बाद ट्रंप भारत को सीट दिलवायेंगे, यह भी एक सवाल है. लेख में कहा गया है कि सवाल यह उठता है कि क्या ट्रंप पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों को लेकर दबाव बनाएंगे, जिनके कारण उसपर आरोप लगता है. अगर इसका जवाब देखें, तो यह नेगेटिव में दिखता है.
लेख में लिखा गया है कि चीन के उदय के कारण भारत और अमेरिका इतने करीब आ रहे हैं, लेकिन भारत चीन का उतना अच्छा दोस्त नहीं है, जितने कि ऑस्ट्रेलिया और जापान हैं. अमेरिका सिर्फ चीन के कारण ही भारत के करीब आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली मुलाकात में द्विपक्षीय और वैश्विक हित के तमाम मुद्दों पर बात हुई.