कई लोग बार-बार असफलता का सामना करने की वजह से टूट जाते हैं और तंग आकर अपना रास्ता ही बदल लेते हैं. यह तरीका ठीक नहीं. दरअसल रसायन शास्त्र का एक नियम है, जो जिंदगी पर भी लागू होता है. जब कोई अणु टूट कर पुन: अपनी पूर्व अवस्था में आता है, तो वह पहले से अधिक मजबूत हो जाता है.
इसी तरह जब हम किसी परेशानी का सामना करते हैं, तो पहले से अधिक मजबूत हो जाते हैं और जीवन में और भी तरक्की करते हैं. जब हम किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं, तो केवल उसकी सफलता देखते हैं. इस सफलता को पाने की कोशिश में वह कितनी बार असफल हुआ है, यह कोई नहीं जानना चाहता. जबकि असफलता का सामना किये बिना शायद ही कोई सफल होता है.
अमेरिका के रोनाल्ड रीगन फिल्मों में अभिनेता थे. पहली बार गवर्नर का चुनाव लड़े तो लोगों ने हंसी उड़ायी, लेकिन वे जीत गये. दो बार गवर्नर रहने के बाद जब उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया. चार साल बाद दोबारा उन्होंने कोशिश की, पर कामयाबी नहीं मिली.
चार साल बाद उन्होंने फिर कोशिश की और सफल हुए और भारी बहुमत से अमेरिका के राष्ट्रपति बने. हमारे यहां भी इस तरह के कई उदाहरण हैं.
भारतीय फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने कॅरियर की शुरुआत में लगातार नौ असफल फिल्में दीं, फिर वे सफल हुए. यह सच है कि असफलता, सफलता के साथ-साथ चलती है. आप इसे किस तरह से लेते हैं, यह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि हर असफलता आपको कुछ सिखाती है. असफलता पर राह में मिलनेवाली सीख को समझ कर जो आगे बढ़ता जाता है, वह सफलता पा लेता है.
सफलता के लिए जितना जरूरी लक्ष्य और योजना है, उतनी ही जरूरी असफलता का सामना करने की ताकत भी. जिस दिन आप तय करते हैं कि आपको सफलता पानी है, उसी दिन से अपने आपको असफलता का सामना करने के लिए तैयार कर लेना चाहिए, क्योंकि असफलता वह कसौटी है जिस पर आपको परखा जाता है कि आप सफलता के योग्य हैं या नहीं.
बात पते की
– जब भी आपको जीवन में कड़वे अनुभव हों या ठोकर लगे, तो विचलित न हों. निराश भी न हों. उस हादसे से सीख लें और आगे बढ़ें.
– मुश्किलों से घबरायें नहीं. उनका सामना करें. आप पायेंगे कि मुश्किलों ने आपको और भी निखार दिया है. आप मजबूत हो गये हैं.
।। दक्षा वैदकर ।।