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जोशीमठ में होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी, भूधंसाव से दो और होटल झुके, आज PMO से पहुंचेंगे अधिकारी

जोशीमठ में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ढहाने की कार्रवाई आज तीसरे दिन रविवार को भी जारी है. वहीं, हाईवे पर स्थित दो और होटल कामेट लाज व स्नो क्रिस्ट भूधंसाव के कारण झुक गए हैं और इन होटलों को खाली करने का क्रम शुरू हो गया है.

Joshimath Sinking: जोशीमठ में सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ढहाने की कार्रवाई आज तीसरे दिन रविवार को भी जारी है. होटलों के ऊपरी मंजिल की चौखटें निकाल ली गई हैं. इन सबके बीच, हाईवे पर स्थित दो और होटल कामेट लाज व स्नो क्रिस्ट भूधंसाव के कारण झुक गए हैं और इन होटलों को खाली करने का क्रम शुरू हो गया है. इधर, आज पीएमओ से सचिव मंगेश घिल्डियाल जोशीमठ पहुंचेंगे.

पुरानी दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी का क्रम जारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बदरीनाथ हाईवे पर कुछ दिन पहले भरी गई दरारें चौड़ी होकर फिर उभर आईं हैं. वहीं, औली रोपवे के टावरों के आसपास भी दरारें निरंतर बढ़ रही हैं. भवनों में भी नई दरारें आने के साथ ही पुरानी दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी का क्रम जारी है. जिसको लेकर आम लोगों के साथ-साथ प्रशासन और सरकार की चिंता बढ़ गई हैं.

बहुगुणानगर वार्ड के 8 परिवारों ने की मुआवजे की मांग

नगर पालिका कर्णप्रयाग के अंतर्गत भूधंसाव प्रभावित बहुगुणानगर वार्ड के 8 परिवारों ने सुरक्षित स्थान पालिका के रैन बसेरे में शिफ्ट किए जाने से पहले मुआवजे की मांग की है. वहीं, तीन परिवारों ने शिफ्ट होने से इन्कार कर दिया है. बताया जा रहा है कि बहुगुणानगर वार्ड में 28 भवनों में दरारें हैं. प्रशासन की संयुक्त टीम के निरीक्षण में यहां के आठ भवनों में ज्यादा दरारें पाई गई. जिसके बाद यहां रह रहे परिवारों को शिफ्ट होने का निर्देश दिया गया हैं. बताया जा रहा है कि लगातार भूधंसाव वाले क्षेत्र की निगरानी की जा रही है. फिलहाल कोई भी परिवार रैन बसेरे में स्थायी तौर पर शिफ्ट नहीं हुआ है.

प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर राज्य सरकार कर रही विचार

आपदा प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार विकल्पों पर विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि जिन प्रभावितों के पास सुरक्षित स्थलों पर अपनी भूमि है, उनके लिए वहीं उनकी जरूरत के अनुरूप प्रीफैब्रिकेटेड हट बनाए जाएंगे. इसके अलावा, जिन परिवारों के पास भूमि उपलब्ध नहीं है, उनके लिए सरकार स्थायी पुनर्वास होने तक अपनी भूमि पर इसी तरह के हट्स बनाकर देगी. प्रभावित परिवारों की सहमति पर ही इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बताते चलें कि जोशीमठ में अभी तक 782 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं, जिनमें दरारें आई हैं. इनमें असुरक्षित घोषित चार वार्डों के 148 भवन भी शामिल हैं. आपदा प्रबंधन की टीम रविवार को जोशीमठ क्षेत्र का दौरा करेगी.

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