Jharkhand News, Koderma News, कोडरमा न्यूज : सात समंदर पार से तिलैया डैम की खूबसूरत वादियों में आने वाले विदेशी पक्षियों का शिकार किये जाने का एक और मामला सामने आया है. वन विभाग की टीम ने शिकार की सूचना पर रविवार देर शाम तिलैया डैम के जवाहर घाटी इलाके में छापामारी की, तो यहां से मृत अवस्था में 11 विदेशी पक्षी यूरेशियन (कॉमन) कूड बरामद हुए.
वन विभाग की टीम द्वारा तिलैया डैम के जवाहर घाटी इलाके में की गयी छापेमारी में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. यहां मृत अवस्था में 11 विदेशी पक्षी बरामद हुए, वहीं जहर भी बरामद किया गया. इसी जहर का उपयोग कर विदेशी पक्षियों को मारने के बाद तस्करी कर बाहर ले जाने की तैयारी थी. इससे पहले विभाग की टीम ने धावा बोला. हालांकि, विभागीय टीम को आते देख शिकारी व तस्कर मौके से भागने में सफल रहे. वन विभाग तस्करों व शिकारियों को चिह्नित कर मामला दर्ज करने की तैयारी में है. साथ ही मृत विदेशी पक्षियों का सोमवार को पोस्टमार्टम कराया गया.
जानकारी के अनुसार, हर साल तिलैया डैम की हसीन वादियों में विदेशी पक्षियों का आगमन होता है. जवाहर घाट, कोटवारडीह के इलाके में इन पक्षियों का शिकार किये जाने की बात भी सामने आती है. फरवरी 2020 में भी वन विभाग की टीम ने कोटवाराडीह इलाके में 40 विदेशी पक्षियों को मृत अवस्था में बरामद किया था. उस समय एक नाव और जाल को जब्त करते हुए 9 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया था. हालांकि, पक्षियों के शिकार के मामले में आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. अब ताजा मामले में एक बार फिर शिकार की बात सामने आने पर विभाग रेस हो गया है.
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वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार सिंह ने बताया कि मृत मिले विदेशी पक्षियों का पोस्टमार्टम कराया गया है. तस्करी करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है. बिहार के बेगूसराय के रहने वाले अर्जुन साहनी व अन्य का नाम तस्करी में सामने आ रहा है. जांच पड़ताल के मामला दर्ज कर इनके विरुद्व वारंट हासिल कर गिरफ्तारी होगी. उन्होंने बताया कि विभाग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर है. विदेशी पक्षियों का शिकार जघन्य अपराध है.
बताया जाता है कि यूरेशियन कूड/कॉमन कूड पक्षी मध्य एशिया के देश, चाइना आदि जगहों से आते हैं. इनकी ब्रिडिंग रूस, चाइना में ही होती है, जबकि ये मौसमानुकूल समय में दूसरे देश को जाते हैं. इनदिनों ये पक्षी तिलैया डैम में देखे जा रहे थे. रविवार को इनका शिकार किये जाने की जानकारी एक वन कर्मी को मिली, तो टीम ने छापेमारी की.
जानकार बताते हैं कि विदेशी पक्षियों का शिकार कर तस्कर इसे बिहार की राजधानी पटना और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बाजार में पहुंचाते हैं. यहां इसके बदले में उन्हें ऊंची कीमत मिलती है. ऐसे में तस्करों का यह धंधा लंबे समय से फल-फूल रहा है. लगातार मिल रही सूचना पर वन विभाग की टीम इन पर शिकंजा कसने को प्रयासरत है, पर ठोस सफलता नहीं मिल रही है. हालांकि, वर्ष 2020 में पहली दफा आरोपियों को चिह्नित करते हुए नाव जब्त किया गया था.
Posted By : Samir Ranjan.