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जानिए कैसे सस्ती इंटरनेट सेवा से बिगड़ रही है सबकी लाइफस्टाइल
अाज का दौर पूरी तरह से तकनीक का हो गया है. हर उम्र के लोगों पर तकनीकी ने अपना असर दिखाया है. इसने जिसे सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, वह है युवा. विशेष रूप से जब से युवाओं के हाथ में स्मार्टफोन आये और सस्ती इंटरनेट सेवा मिलनी शुरू हुई है, युवाओं की तो लाइफस्टाइल […]
अाज का दौर पूरी तरह से तकनीक का हो गया है. हर उम्र के लोगों पर तकनीकी ने अपना असर दिखाया है. इसने जिसे सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, वह है युवा. विशेष रूप से जब से युवाओं के हाथ में स्मार्टफोन आये और सस्ती इंटरनेट सेवा मिलनी शुरू हुई है, युवाओं की तो लाइफस्टाइल ही बदल गयी है.
तय समय पर सोने-जागने के तौर तरीके तो बदल ही गये हैं. सस्ती इंटरनेट सेवाओं का कितना लाभ युवाओं को मिल पाया है, यह तो स्पष्ट नहीं है पर खराब असर तन, मन और धन तीनों पर पड़ा है. बाहर रह कर पढ़ाई कर रहे युवाआें के मंथली बजट में गड़बड़ी तो हाे ही रही है, वहीं वे स्ट्रेस के शिकार भी हो रहे हैं. सस्ती इंटरनेट सेवाओं का यंगस्टर्स की लाइफ पर पड़ने वाले असर पर पेश है यह रिपोर्ट.
नुकसान : नींद हो रही हराम, स्टूडेंट्स का जेब खर्च भी बढ़ा
शहर के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी कहते हैं कि सस्ती दरों पर उपलब्ध इंटरनेट सेवाओं ने लाइफ स्टाइल पर कई स्वरूपों में असर डाला है. उनकी मानें तो मंथली जेब खर्च पर सबसे खराब असर पड़ा है.
पहले जब जरूरत होती थी, तब इंटरनेट कैफे जा कर काम कर लिया करते थे. यहां 20 से 25 रुपये में काम चल जाता था, पर जब से सस्ता इंटरनेट पैकेज मिलने लगे हैं, तब से अनावश्यक इंटरनेट पैक रिचार्ज कराने पड़ जाते हैं. ऐसे में घर से जो पैसे आते हैं, उनका बड़ा हिस्सा इसी में चला जा रहा है. वहीं देर रात तक जागने की आदत से नींद पूरी नहीं हाे पा रही है. स्ट्रेस की समस्या भी ऐसे युवाओं में देखने को मिल रही है.
फायदा भी. पढ़ना हुआ आसान ऑनलाइन क्लास के मिल रहे हैं मौके
स्टूडेंट्स का ऐसा ही एक वर्ग है, जो इस बात की वकालत करता है कि इसका लाभ भी हमें मिला है. वे सस्ते इंटरनेट को अपने हित में देख रहे हैं. विभिन्न तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ऐसे युवाओं की मानें, तो उनके लिए पढ़ाई आसान हो गयी है.
एंट्रेंस से जुड़े तमाम तरह के विषय आधारित नोट्स मिल जा रहे हैं. इसके अलावा उनके पास तमाम तरह की टेस्ट सीरीज, आॅनलाइन क्लासेज, वीडियो क्लासेज, किताबें, लेक्चर्स प्राप्त करने का माध्यम होता है. वे बताते हैं कि कई बार ऐसा कि किसी खास विषय के स्पेशल टॉपिक के बारे जानने के लिए हमें किताबें खरीदनी पड़ती हैं और वह किताब सिर्फ एक टाॅपिक के लिए खरीदना संभव भी नहीं हो पाता है. ऐसा कभी पैसे के अभाव में तो कभी उपलब्धता के कारण होता है, लेकिन पढ़ते वक्त अगर हाथ में इंटरनेट होता है, तो उस टॉपिक विशेष को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं. हमारा समय और पैसा दोनों ही बच जाता है.
यहां दिख रहा है असर
एजुकेशन : इंटरनेट का सबसे ज्यादा प्रभाव शैक्षणिक माहौल पर पड़ रहा है. पढ़ने के समय हाथ में स्मार्ट फोन और उसमें मौजूद डेटा किताबें खोलने की जगह फेसबुक-यूट्यूब जैसे सोशल साइट्स खोल रहे हैं.
न चाहते हुए भी ऐसे सोशल साइट्स में समय ज्यादा बीत जा रहा है. जिसका असर परीक्षाओं और उसके परिणाम पर दिख रहा है.
हेल्थ : हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि फोन में उलझे युवा न केवल प्राइमरी बोन रिलेटेड प्रॉब्लम्स से परेशान हो रहे हैं, बल्कि स्क्रीन पर लंबे समय तक देखते रहने की वजह से उनकी आंखें भी कमजोर हो रही है.
अनायास लेंस और चश्में भी लगाने की जरूरत पड़ रही है. वहीं मनोचिकित्सक कहते हैं स्ट्रेस और नींद न आने की समस्या भी बढ़ी है. ऐसे में युवाओं को अपने स्तर पर सुधार करते हुए फोन व नेट एक्सेस करने पर लगाम लगाने की जरूरत है.
रिलेशन में आ रहा गैप : हॉस्टल आदि में रह कर पढ़ाई कर रहे युवा तो अकेले रहते ही हैं, घरों में अभिभावक के साथ रहने वाले भी खुद में खोने लगे हैं. वे एक साथ होते हुए भी अपने-अपने फोन में लगे रहते हैं. ऐसे में आपस में बात करने तक का समय उनके पास नहीं रह रहा है. इस वजह से रिलेशन में गैप भी आने लगी है.
इंटरनेट से जितना लाभ मिला, उतना नुकसान भी मारवाड़ी काॅलेज से पढ़ाई कर रही छात्रा प्रतियोगिता सिंह कहती हैं कि इंटरनेट का उनकी लाइफ में जितना लाभ मिला है वो तो है ही पर इसका बुरा असर भी पड़ा है. रात में लंबे समय तक जगने की वजह से देर से उठना हो रहा है. इस कारण नींद नहीं पूरी हो पा रही है. देर से उठने की वजह से पूरी दिनचर्या पर असर पड़ने लगता है. क्लासेस लेट हो रही है.
घर वालों के साथ समय कम मिल रहा
मासकॉम के छात्र अमरदीप कहते हैं कि जब मैं घर में रहता हूं, तो मोबाइल में ही व्यस्त रह जाता हूं. घरवालों को न तो समय दे पा रहा हूं और ही बुलाये जाने पर उनके साथ बैठ पाता हूं. घर-बाहर के छोटे काम भी नहीं कर पाता हूं. कई बार ऐसा लगता है कि इंटरनेट ही जिंदगी हो गयी है. इंटरनेट की मुझे आदत हो गयी है. इससे परेशानी भी होती है.
अधिक यूज करने पर घरवालों से पड़ती है डांट
छात्र जय सोनी कहते हैं कि इंटरनेट मेरे काम को जितना आसान करता है उतना ही मुश्किलें भी बढ़ा दे रहा है.इंटरनेंट के लत की वजह से ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल में गुजार रहा है. इस वजह से सिर में दर्द होने के साथ कई तरह दूसरी हेल्थ से जुड़ी परेशानी भी हो रही है. लगातार मोबाइल में लगे रहने की वजह से घर में डांट भी सुनने को मिलता है.
पढ़ाई में मिलती है काफी मदद
डोरंडा कॉलेज से एम कॉम की पढ़ाई करने वाली निशा सिंह बताती हैं कि
इंटरनेट उनके लिए काफी लाभदायक है. यह एक अच्छा माध्यम है, जिसकी मदद से वे अपनी स्टडी से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर ले रही हैं. किसी भी विषय के नोट्स आसानी से मिल जाते हैं. घर बैठे कुछ भी मंगा सकती हैं. इसने समय की बचत को बढ़ाया है.
जिंदगी का बन गया है अहम हिस्सा
विक्की गुप्ता ने बताया कि इंटरनेट उनके लिए एक लाइफ का हिस्सा हैै, जिसके बिना कोई काम करना मुश्किल है.वे इसका इस्तेमाल मनोरंजन के साथ-साथ पढ़ाई, शॉपिंग सहित कई तरह के काम में करते हैं. उनके लिए इंटरनेट कई तरह से लाभदायक साबित हो रहा है. पढ़ाई के लिए काफी मददगार है.
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