चिनाकुड़ी : दसवां वेतन समझौता अविलंब लागू करने एवं सीएमपीएफ के इपीएफओ में मर्ज किये जाने के विरोध में सोदपुर एरिया पर खान श्रमिक कांग्रेस(बीएमएस) ने शनिवार को प्रदर्शन किया एवं क्षेत्रीय महाप्रबंधक सुजीत सरकार को मांग पत्र सौंपा. महाप्रबन्धक श्री सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुये कहा कि आशय की जानकारी इसीएल मुख्यालय को भेजा रहा है. मौके पर बीएमएस के जयनाथ चौबे, खान श्रमिक कांग्रेस(बीएमएस) के क्षेत्रीय अध्यक्ष रामशंकर राम, क्षेत्रीय सचिव दयाचंद नोनिया, क्षेत्रीय संगठन सचिव धीरज गिरी, शाखा सचिव अशोक कुमार, रमाकांत राय, महेंद्र गुप्ता, मलखान पासवान, हरेंद्र प्रसाद चम्पक, पवित्र सहित अन्य उपस्थित थे.
सभा को सम्बोधित करते हुये बीएमएस नेता जयनाथ चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार के कोयला खान भविष्य निधि(सीएमपीएफ)का इपीएफओ में विलय के फैसले का कड़ा विरोध भारतीय मजदूर संघ ने किया है. इसके लिये पूरे कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक इकाइयों के सभी एरिया कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जा रहा है तथा मांग पत्र सौंपा गया ताकि कोल इंडिया प्रबंधन चेत जाये. अगर नहीं चेता तो बीएमएस कोयला मजदूरों के बीच जायेगा और उन्हें जागृत करेगा ताकि सभी मजदूर एकता के सूत्र में बंधकर सरकार के खिलाफ हक के लिए आंदोलन पर उतरें.
उन्होंने कहा की सीएमपीएफ का इपीएफओ में विलय से अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी भारी आर्थिक नुकसान होगा. वर्तमान में सीएमपीएफ से उन्हें वेतन व डीए की 25 फीसदी पेंशन दी जाती है. इपीएफओ में विलय पर अधिकारियों को करीब सात हजार से साढ़े सात हजार पेंशन मिलेगी. वर्तमान में उन्हें 30-35 हजार रुपये पेंशन मिलती है. विलय का भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है. उन्होंने कहा कि सात मई को सब कमेटी की बैठक दिल्ली में होनी है. इसके बाद आठ-नौ मई को जेबीसीसीआइ की बैठक होगी. आशा है कि बीएमएस के प्रदर्शन का संदेश कोयला मंत्रलय तक पहुंच गया है.
उन्हें सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा. दावे के साथ कह रहा हूं कि वेतन समझौता की 60 फीसदी समस्या का समाधान हो जायेगा. अब तक जितनी भी बैठकें हुई हैं. कोई भी समस्या का हल नहीं निकल सका. उन्होंने कहा कि बीएमएस मर्यादा में रहकर बात करता है, जो भी मर्यादा भंग करता है उसे बीएमएस बाहर का दरवाजा दिखा देता है. इसलिए अनुशासन को भंग कर कोई काम भारतीय मजदूर संघ नहीं करता है.