तब इनलोगों ने जोर जबरदश्ती कैंपस के अंदर पूजा करने की कोशिश की. पुलिस ने सभी को रोक दिया और कैंपस से बाहर निकाल दिया.बुधवार सुबह कैंपस के अंदर सरस्वती पूजा के लिए पंडाल का निर्माण कर लिया गया था. यहां तक कि मां सरस्वती की प्रतिमा भी मंगा ली गयी थी.बाद में पुलिस ने कैंपस के अंदर बने पंडाल को हटाने के लिए कहा और साफ तौर वहां पूजा करने से मना कर दिया.
उसके बाद तृणमूल के दोनों गुटों के सदस्य कैंपस से करीब पांच सौ मीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गये और वहीं प्रतिमा की स्थापनी की गयी और सभी ने मां सरस्वती की पूजा की.इसबीच,सरस्वती पूजा को लेकर तृणमूल के दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाइ से विश्वविद्यालय कैंपस में सुबह से ही तनाव का माहौल था.यहां गड़बड़ी की आशंका पहले से ही पुलिस को थी. इसी कारण इंगलिश बाजार थाना के आइसी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ कैंपस में मौजूद थे.पूजा को लेकर विद्यार्थियों की पुलिस के साथ कहासुनी भी हुयी. पुलिस ने साफ बता दिया कि कैंपस के अंदर पूजा की अनुमति नहीं दी जायेगी.उसके बाद पूरे कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया गया.कैंपस में विभिन्न स्थानों पर पुलिस पिकेटिंग बैठा दी गयी.विद्यार्थियों का कहना है कि नगरपालिका से कैंपस के गेट के सामने पूजा की अनुमति मांगी गयी थी. बाद में देखा गया कि गेट के सामने पूजा होने से ट्राफिक की समस्या होगी.इसी वजह से कैंपस के अंदर गेट के निकट ही पूजा करने का निर्णय लिया गया था.