श्री सरकार ने कहा कि गत विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन नगरपालिका बोर्ड ने शहर के विभिन्न इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगवाये थे. इन कैमरों से मिली तसवीरों की निगरानी एक निजी होटल से की जा रही थी. मतदान से ठीक पहले यह काम होने की वजह से विरोधियों ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी. इस शिकायत के आधार पर चुनाव आयोग ने सीसीटीवी कैमरे बंद करवा दिये.
उन्होंने कहा कि पूर्व बोर्ड ने किस हैसियत से सीसीटीवी कैमरे लगवाये. यह काम पुलिस और प्रशासन का है. वर्तमान बोर्ड ने फैसला लिया है कि सीसीटीवी की निगरानी पुलिस करे. इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक के पास एक लिखित आवेदन भेजा गया है. इंगलिशबाजार नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन कृष्णेंदु चौधरी के समय में ये सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. पार्टी के निर्दश पर श्री चौधरी ने गत 1 दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
इसके बाद 19 दिसंबर को को बाबला सरकार ने यह पद संभाला. पद संभालते ही वह शहर की सूरत बदलने में जुट गये. श्री सरकार ने कहा कि पूर्व बोर्ड ने शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाकर एक होटल से मॉनीटरिंग की व्यवस्था की थी. यह काम गैरकानूनी था. नगरपालिका को ऐसा करने का अधिकार नहीं है. यहां तक नगरपालिका के सभी कमरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. इससे शहरवासियों और नगरपालिका कर्मियों की गोपनीयता नष्ट हो रही थी. हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने इन कैमरों को बंद करा दिया था. शहर में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सीसीटीवी जरूरी हैं, पर यह काम नगरपालिका का नहीं है. इसलिए हमने पूरी व्यवस्था पुलिस को सौंपने के लिए आवेदन भेजा है.