प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गीता पासवान अपनी दो बेटियों को लेकर इस गांव में काफी वर्षों से रह रही है. करीब एक कट्ठा जमीन पर घर है. गीता पासवान के पति निमाई पासवान दिल्ली में मजदूरी करते हैं. गीता पासवान स्वयं यहां पर श्रमिक का काम करती हैं और किसी तरह से घर का खर्च चलता है. वह मेहनत मजदूरी कर पैसा बचाकर अपने घर में पक्का शौचालय बना रही थी. आरोप है कि माकपा के पंचायत प्रधान उबेदुर रहमान ने काम रूकवा दिया है.
गीता पासवान का कहना है कि जमीन उनके पति के नाम पर है. सरकारी खजाना भी दे रहे हैं. अचानक पंचायत प्रधान उबेदुर रहमान ने कहा कि इसमें से थोड़ी सी जमीन पंचायत की भी है. यहां पर आइसीडीएस सेंटर बनाया जायेगा. उसके बाद ही उन्होंने शौचालय का काम बंद करा दिया. गीता पासवान ने आगे कहा कि घर में दो बेटियां हैं. एक पांचवीं में तथा दूसरी दसवीं कक्षा में पढ़ती है. इन बेटियों के कहने पर ही वह घर में शौचालय बनवा रही थी. उन्होंने इसके लिए पंचायत और प्रशासन से कोई सहायता भी नहीं ली है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि माकपा नेता किसी तरह से उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. पूरी जानकारी प्रशासन को दे दी गई है. हरिश्चन्द्रपुर-2 ब्लॉक के भूमि एंव भूराजस्व विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेएल नंबर 175 तथा दाग नंबर 895 का मालिकाना हक निमाई पासवान के नाम है. काफी दिनों से यह लोग सरकारी राजस्व भी दे रहे हैं. स्थानीय लोग भी इस मामले में गीता पासवान का समर्थन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत की जमीन पर पहले ही काफी लोगों ने कब्जा कर लिया है. पंचायत की जमीन पर गैर कानूनी रूप से दुकान और घर आदि बना लिये गये हैं. इस जमीन को खाली कराने में पंचायत एवं प्रशासन की कोई दिलचस्पी नहीं है. उल्टे एक गरीब महिला को परेशान किया जा रहा है.