अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक का बड़ा हिस्सा भूटान सीमा से लगता है. इस इलाके में भूटानी नोट भी बड़े पैमाने पर चलते हैं. वर्ष 2013 में भारत सरकार ने भूटानी नोट से लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया था. उसके बाद यहां भूटानी नोट चलने बंद हो गये थे. नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा 1000 तथा 500 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा के बाद कैश की किल्लत से परेशान लोगों ने भूटानी नोट में भी लेन-देन शुरू कर दिया है. वर्तमान में कालचीनी ब्लॉक के अधिकांश इलाकों में भूटानी नोट से भी खरीद-बिक्री हो रही है. जो लोग भारतीय नोट को भूटानी नोट में बदल रहे हैं,वह किसी भी प्रकार की खरीददारी में इसी नोट का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे भारत में भले ही भूटानी नोट के प्रचलन पर प्रतिबंध लगाया हो, लेकिन भूटान सरकार ने भारतीय नोटों के चलन पर प्रतिबंध नहीं लगाया. भूटान में नियमानुसार कोई भी भारतीय व्यक्ति 50 हजार रुपये तक नोट बदल सकता है. कहने का मतलब यह है कि यदि किसी के पास भूटान में पहले से ही 1000 तथा 500 के भारतीय नोट हैं तो वह इसे भूटानी नोट में बदल सकता है.
इस बीच, भूटान के कई बारोबारियों ने भूटानी नोटों का दर भी बढ़ा दिया है. उन्हें पता चल गया है कि भारतीय सीमा क्षेत्र से काफी संख्या में लोग अपने काला धन को सफेद करने के लिए भूटान आ रहे हैं. यह लोग भी 100 रुपये के भूटानी नोट के बदले 150 रुपये तक के भारतीय नोट ले रहे हैं. कहने का मतलब है यदि कोई अपने 10000 रुपये के पुराने नोट को भूटानी नोट में बदलना चाहता है तो उसे 15000 रुपये देने होंगे. सीमावर्ती जयगांव के व्यवसायियों ने भी इस बात को माना है. जयगांव मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के सचिव राकेश पांडेय का कहना है कि 1000 तथा 500 रुपये के नोट बंद होने के बाद भारतीय बैंकों में कैश की कमी है. शुरू में यहां का कारोबार मंदा रहा, लेकिन भूटानी नोट के चलने से अब कारोबार में कोई परेशानी नहीं हो रही है. बट्टा देने पर सहज ही भूटानी नोट उपलब्ध हैं.
उन्होंने कहा कि इस बात का फायदा कई काला धन वाले उठा रहे हैं. यदि सरकारी एक्सचेंज काउंटरों पर ही नोट बदलने की प्रक्रिया पूरी होती तो अच्छा होता. सरकार को यहां एक्सचेंज काउंटर खोलने की व्यवस्था करनी चाहिए. एक अन्य व्यवसायी ने कहा है कि मोदी सरकार के इस निर्णय से वह सहमत हैं, लेकिन कारोबार को चलाने के लिए भूटानी नोट लेने के अलावा और कोई चारा नहीं है. इसी बात का फायदा कुछ कालाबाजारी उठा रहे हैं. भूटान के एक निवासी दीपेन दोरगा ने बताया है कि उन्हें भारतीय नोट लेने में कोई परेशानी नहीं है. एक बार में 50 हजार रुपये के भारतीय नोट को भूटान के किसी भी बैंक में बदला जा सकता है. इसलिए वह लोग कम कीमत पर भारतीय नोट लेकर भूटानी मुद्रा में बदलवा रहे हैं. जब यहां नोट बदलने पर रोक लगेगी, तब सोचा जायेगा.