प्रथम फार्मासिस्ट द्विवार्षिक जिला सम्मेलन संपन्न
बिना तालमेल के रोगियों का सटीक इलाज संभव नहीं
जलपाईगुड़ी. प्रथम फार्मासिस्ट द्विवार्षिक जिला सम्मेलन में डॉक्टरों और फार्मासिस्टों के बीच काम-काज में तालमेल के अभाव का विषय सामने आया. सरकारी अधिकारियों से लेकर अध्यक्ष एवं तृणमूल फार्मासिस्ट एसोसिएशन के कई सदस्यों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की. रविवार को जलपाईगुड़ी फार्मासिस्ट इंस्टीच्यूट के हॉल में एसोसिएशन की जलपाईगुड़ी जिला कमेटी का प्रथम द्विवार्षिक संपन्न हुआ.
जलपाईगुड़ी फार्मासिस्ट इंस्टीच्यूट के अध्यक्ष डॉ सौरभ सिन्हा ने कहा कि फार्मासिस्ट और डॉक्टरों के बीच तालमेल बहुत जरूरी है. डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं, फार्मासिस्ट उन दवाओं को अपने हिसाब से बदल देते हैं.
दूसरी तरफ जहां दवा की कम जरूरत है, यह फार्मासिस्ट तो समझते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं समझ रहे हैं. रोगी को सही दवा सही मात्रा में मिले, इसके लिए दोनों के बीच तालमेल होना चाहिए. जलपाईगुड़ी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के कन्वेनर श्याम कुमार सेन ने कहा कि नेता और मंत्री सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की उन्नति की अनेक बातें करते हैं. लेकिन फार्मासिस्टों की उन्नति के लिए कोई कुछ नहीं सोच रहा. हमारी मदद के बिना रोगियों का सही उपचार संभव नहीं है. अतिरिक्त मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रूद्र कुमार ईश्वरी ने कहा कि बहुत सी जगहों पर डॉक्टर और फार्मासिस्ट के बीच तालमेल की कमी देखी जा रही है. रोगियों को सही दवा देने के लिए इन दोनों को आपस में उचित समन्वय रखना चाहिए.
रविवार को सम्मेलन के दौरान नयी जिला कमेटी का गठन हुआ. सम्मेलन के दौरान अस्पतालों में फार्मेसी चालू करने, तकनीकी मंजूरी देने, स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यरत फार्मासिस्टों को मकान किराया देने जैसी कई मांगें की गईं. कार्यकारी जिला कमेटी में 15 नये सदस्य निर्वाचित किये गये हैं. मनोतोष विश्वास सचिव बने हैं और तुषार घोष अध्यक्ष.