सिलीगुड़ी: जिस डाक टिकट को लिफाफे पर चिपका कर हम संदेशा भेजते हैं, वास्तव में वह हमारी संस्कृति, सभ्यता का प्रतीक है. भारतीय डाक टिकट के संग्राहलय पर एक नजर डाल लें, तो दुनिया भर के डाक टिकट का संग्रह या सुरक्षित है.
सिनेमा जगत के भी सिने स्टार इसकी शोभा बढ़ा रहें है. हॉलीवुड के मर्लिन मोंड्र, जेम्स डीन, चार्लि चैप्लीन से लेकर बॉलीवुड के दिवंगत दादा साहब फालके और वॉलीवुड के बादशाह शाहरूख खान और देवदास की पारो ऐश्वर्या राय के भी डाक टिकट निकाले गये. भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले, राज्य सभा के सदस्य मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर के 50 रूपये टिकट का विमोचन किया गया. लेकिन इस प्रदर्शनी में सिने जगत के महानायक अमिताभ बच्चन को भूला दिया. उल्लेखनीय है कि भारतीय डाक टिकट विभाग की ओर से सोमवार को दो दिवसीय ‘सिलीपेक्स -2014,फिलीटेली एक्जीविशन’ का आयोजन किया गया है. क्षेत्रीय स्तर पर यह प्रदर्शनी तीसरी बार लगायी गयी. पहली बार 1984 में लगायी गयी थी. प्रदर्शनी में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर के 69 फ्रेम लगाये गये है. प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न कोनों से 44 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित उदय मणि प्रधान ने बताया कि वास्तव में स्टांप टिकट जमीन से अधिक मूल्यवान है. मैं अंतराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भाग ले चुका हूं. लेकिन मेरे सारे स्टांप जल कर खाक हो गये. दार्जिलिंग में मेरा घर है. मेरे आशियाने के जलने से अधिक दुख दुर्लभ स्टांप टिकट के जलने को लेकर है. मेरे लिए और मेरे देश के लिए वह स्टांप टिकट कितना मूल्यवान था, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता. वें आगे कहते है कि लंदन में आयोजित पहले विश्व डाक टिकट प्रदर्शनी में 1856 के एक टिकट को ले जाने के लिए 22 सुरक्षा गार्ड के साथ चाटर्ड प्लेन से ले गया था. उसकी कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में 1.87 मीलियन डॉलर थी. एक दुर्लभ स्टांप टिकट का मूल्य पांच मिलियन तक हो सकता है. मेरे पास 10 हजार स्टांप टिकट थे, लेकिन 2007 में वह जलकर खाक हो गया. प्रकृति के सुदंर दृश्य के साथ, एव फेस सहित विभिन्न तरह के चित्रों का संग्रह है स्टांप टिकट में. वेस्ट इंडीज का एक छोटा सा टापू जो तीन मील तक है, जिसका नाम है रेडोना. आज विश्व के मानचित्र में एंजिना, बरडुआ जैसे देश का नामो-निशान नहीं है. लेकिन इस स्टांप टिकट ने इसके इतिहास को जीवित रखा है.