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कांग्रेस पार्टी कार्यालय ‘इंदिरा भवन’ रेस्तरां में तब्दील

सिलीगुड़ी. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन 19 नवंबर के दिन तीन वर्ष पहले उन्हीं के नाम पर सिलीगुड़ी के तीन नंबर वार्ड के हिलकार्ट रोड एवं तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनस के सामने सरकारी जमीन पर पार्टी कार्यालय ‘इंदिरा भवन’ खोला गया था. लेकिन तीन वर्ष के बाद ही यह ‘इंदिरा भवन’ […]

सिलीगुड़ी. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन 19 नवंबर के दिन तीन वर्ष पहले उन्हीं के नाम पर सिलीगुड़ी के तीन नंबर वार्ड के हिलकार्ट रोड एवं तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनस के सामने सरकारी जमीन पर पार्टी कार्यालय ‘इंदिरा भवन’ खोला गया था. लेकिन तीन वर्ष के बाद ही यह ‘इंदिरा भवन’ रेस्तरां में तब्दील हो गया. विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त तथ्यों के आधार पर मात्र महीने भर पहले ही यह ‘इंदिरा भवन’ रेस्तरां में तब्दील हुआ है और इसके लिए कइ स्थानीय कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लग रहे हैं.

आरोप है कि इंदिरा भवन का सौदा तकरीबन 10-12 लाख रूपये में हुआ है. आरोप है कि इंदिरा भवन बेचकर तणमूल कांग्रेस के तीन नंबर वार्ड के अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह जहां मालामाल हो गये वहीं, कांग्रेस नेता अजय झा का भी पौ-बारह हो गया. इंदिरा भवन की बिक्री का मामला प्रकाश में आने के बाद सिलीगुड़ी की राजनीति में बवाल मच गया है.

विदित हो कि जब इंदिरा भवन की स्थापना हुई थी तब आरोपी श्याम सुंदर सिंह कांग्रेस नेता थे और तीन नंबर वार्ड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी थे. बाद में कांग्रेस की साख कम होती देख श्री सिंह पाला बदलकर तृकां में चले गए. वहीं, अजय झा भी मौका देखकर पार्टी बदलते रहते हैं. दूसरी ओर, इंदिरा भवन के बिक्री करने में कांग्रेस नेता मेहदी हुसैन उर्फ मैठिया का भी नाम आया है. हांलाकि उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया है और इस मामले को लेकर प्रधान नगर थाने में शिकायत भी दर्ज करायी है.

तत्कालीन युवा कांग्रेस नेता ने उठाया सवाल
इंदिरा भवन की स्थापना के समय युवा कांग्रेस नेता रहे और वर्तमान में भाजपा नेता कन्हैया पाठक ने इंदिरा भवन को बिक्री किये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कोई भी पार्टी कार्यालय को बेचकर इंदिरा गांधी के नाम को कैसे अमर्यादित कर सकता है. जब इंदिरा भवन की स्थापना हुई थी तब इसका उद्घाटन कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सह विधायक शंकर मालाकार ने किया था और उनके अलावा सैकड़ों कांग्रेसी इसके गवाह बने थे. श्री पाठक का कहना है कि भले हम आज कांग्रेस में नहीं हैं लेकिन देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा जी का तहे दिल से सम्मान करते हैं.
श्याम सुंदर सिंह ने बिक्री नहीं, अपना रेस्तरां होने का किया करार
तीन नंबर वार्ड तणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह ने इंदिरा भवन की बिक्री नहीं, बल्कि अपना रेस्तरां होने का दावा किया है. साथ ही बिक्री किये जाने का आरोप लगाने वालों को इसकी पुष्टि करने का चैलेंज भी दिया है. उनका कहना है कि विरोधी उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. श्री सिंह का कहना है कि जब इंदिरा भवन की स्थापना हुई थी तब वह खुद कांग्रेस के नेता थे और तीन नंबर वार्ड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. पार्टी कार्यालय स्थापित करने में उनका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से बहुत बड़ा योगदान रहा है. श्री सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि जब से वह तृकां में शामिल हुए तब से पार्टी कार्यालय बंद पड़ा था और यहां से कोई गतिविधि नहीं हो रही थी. इसलिए उन्होंने इसे खुद ही होटल-रेस्तरां के रूप में चलाने का निर्णय लिया. साथ ही उन्होंने आरोप लगानेवालों को महानंदा ब्रीज से मल्लागुड़ी, दार्जिलिंमोड़, गुरूंगबस्ती में अवैध दखल, अवैध निर्माण की ओर भी ध्यान देने को कहा. दूसरी ओर कांग्रेस नेता अजय झा से भी इस बाबत उनके मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
क्या कहना है तृकां जिला अध्यक्ष रंजन सरकार का
सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल के तृकां नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा का कहना है कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. इस बाबत वह खुद पार्टी के साथ मीटिंग करेंगे और तृकां के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष सह मंत्री गौतम देव को विस्तृत जानकारी देंगे. उनका कहना है कि मां-माटी-मानुष की तृकां कभी भी जबरन दखल या अवैध कार्यों पर विश्वास नहीं करती है. जो भी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश करेगा, उसके साथ पार्टी सख्ती से पेश आयेगी.
गौतम देव से करेंगे शिकायतः शंकर मालाकार
कांग्रेस के दार्जिलिंज जिला अध्यक्ष सह माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शंकर मालाकार का कहना है कि तृकां की इस ज्यादती की उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव से लिखित शिकायत करेंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी कार्यालय इंदिरा भवन पर जब तृकां ने जबरन कब्जा किया तो उससे पहले ही धारा 144 लगी थी, इसके बावजूद सत्ताधारी तृकां ने ज्यादती की. उन्होंने कहा कि अगर तृकां इंदिरा भवन को अपना पार्टी कार्यालय के रूप में संचालित करती तो भी उन्हें संतोष होता, लेकिन इसे बिक्री कर रेस्तरां में तब्दील कर दिया गया यह पूरी तरह इंदिरा जी का अपमान है जिसे कभी बरदाश्त नहीं किया जा सकता. श्री मालाकार ने कहा कि जो कांग्रेस छोड़ कर तृकां या अन्य पार्टियों में शामिल हुए हैं वे सभी मौका परस्त हैं. ऐसे नेताओं की ना तो अपनी कोई औकात है और न ही स्वाभिमान.
मेहदी हुसैन का दावा 24 घंटे में इंदिरा भवन लेकर रहेंगे
युवा कांग्रेस नेता मेहदी हुसैन ने दावा करते हुए कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाये 24 घंटें में कांग्रेस पार्टी कार्यालय इंदिरा भवन वापस चालू करेंगे और रेस्तरां को बंद करवा कर ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब पार्टी कार्यालय की स्थापना हुई थी तब उन्होंने खुद लोगों से 1.20 लाख रूपये चंदा इकट्ठा कर कार्यालय के लिए दिया था. उनका कहना है कि जो आज-तक पार्टी के साथ जुड़ा है और उतार-चढ़ाव में पार्टी के साथ है उनके साथ दगा नहीं कर सकते. पार्टी कार्यालय की बिक्री में सहयोग की बात पर मेठिया ने अपनी सफाई में कहा है कि कोइ इस बात को प्रमाणित कर दे तो वह आज से ही राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि महीने भर पहले तृकां के स्थानीय कुछ नेताओं की ऐसी हरकत का हमने विरोध भी किया था लेकिन उन लोगों ने हमें जान से मारने अन्यथा पुलिस से अंदर करवा देने की धमकी दी थी.

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