सिलीगुड़ी. 25 सितंबर को देश-दुनिया के साथ ही सिलीगुड़ी में भी अंतरराष्ट्रीय बधिर दिवस मनाया जायेगा. नॉर्थ बंगाल डीफ (बधिर) एसोसिएशन के बैनर तले पूरे उत्तर बंगाल के बधिर इस दिन सिलीगुड़ी में एकजुट होंगे और दया के लिए नहीं, बल्कि अपना अधिकार लेने के लिए शहर में रैली निकालेंगे. साथ ही समाज को जागरूक करने हेतु जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे. यह जानकारी शुक्रवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान एसोसिएशन के महासचिव कंचन कुमार साहा ने इशारों की भाषा में मीडिया को दी.
बधिर कंचन कुमार साहा के इशारों को मास्टर व प्रशिक्षक विश्नेंदु बाग ने मीडिया कर्मियों को समझाया. श्री साहा अपने जमाने के मशहूर एथलीट रह चुके हैं. कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मैराथन में देश का नाम ऊंचा कर चुके हैं. इसकी वजह से आज वह रेलवे में नौकरी भी कर रहे हैं. उनके जैसे और भी कई बधिर हैं जो अपनी काबिलियत के बल पर बैंकों या फिर अन्य सरकारी व गैर-सरकारी प्रतिष्ठानों में अच्छे ओहदे पर नौकरी कर रहे हैं. लेकिन बधिरों को जो अधिकार मिलना चाहिए, वह आज तक नहीं मिल रहा.
उन्होंने अपने इशारों से मीडिया को समझाया कि बधिरों को लेकर जो पुराना कानून है, उसमें बदलाव की जरूरत है. साथ ही समाज भी उनके प्रति जागरूक नहीं है. आज के इस दौर में भी समाज उन लोगों को दया या फिर घृणा की दृष्टि से देखता है. समाज उन्हें अलग-थलग कर देता है. इस वजह से हम जैसे बधिर हीनभावना से ग्रस्त हो जाते हैं. श्री साहा का कहना है कि हम भी इंसान हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि हम आम इनसानों की तरह बोल नहीं सकते. लेकिन हम सब-कुछ समझ सकते हैं.
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि ऑटो या फिर टोटो चालक उन्हें देखते ही दुत्कार देते हैं. अपने वाहनों पर सवार करने से कतराते हैं. इन वाहनों पर सही तरीके से रूट न लिखा होने के कारण हमें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वजह चालक हमारे इशारों को समझ नहीं पाते. एसोसिएशन के उपाध्यक्ष खोकन भट्टाचार्य ने भी प्रेस-वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बधिर दिवस के मौके पर रविवार को कंचनजंघा स्टेडियम से सुबह 10 बजे जनजागरूकता रैली निकाली जायेगी. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम व कार्यशाला भी आयोजन होगा. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बधिरों की समस्या को आम लोगों के सामने उजागर करना है. साथ ही उनमें आत्मविश्वास बढ़ाना है.