जलपाईगुड़ी: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आदिवासी परंपरा के तहत स्वागत करने के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने तैयारी शुरू कर दी है. इस बारे में आज डुवार्स कमेटी के साथ परिषद के अध्यक्ष बिरसा तिर्की ने बैठक की.
नागराकाटा के बदले आदिवासी विकास परिषद का यह सामाजिक अभिनंदन कार्यक्रम डुवार्स के माल शहर में आयोजित कर रहा है. यह कार्यक्रम 12 फरवरी को होगा.
मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के अलावा आदिवासियों के विकास के लिए उनके समक्ष कुछ प्रस्ताव भी पेश किये जायेंगे. परिषद के अध्यक्ष बिरसा तिर्की ने कहा कि विगत 200 वर्षो से आदिवासी संप्रदया के लोग राज्य के चाय उद्योग के लिए काम करते आ रहे हैं. बागान प्रबंधन आदिवासी श्रमिकों को अपने घर के काम के लोगों की तरह ही देखते है. बावजूद इसके राज्य सरकार के जमीन पर व्यवसाय करने वाले बागान मालिक श्रमिकों को सरकारी कानून के तहत सेवा मुहैया नहीं करा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कल्याण दफ्तर एवं राज्य पिछड़ा श्रेणी कल्याण दफ्तर वर्तमान में चालू रहने के बावजूद आदिवासियों का मूलभूत विकास कुछ भी नहीं हुआ. ऐसे में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलग ‘आदिवासी कल्याण दफ्तर’ गठन कर सराहनीय पहल की है.
इसके अलावा इस दफ्तर का काम अलग रूप से करने के लिए मुख्यमंत्री ने निजी पहल पर आदिवासी विकास पर्षद का गठन कर शिक्षित आदिवासियों को कमेटी में रखकर परियोजना के सिफारिश का बंदोबस्त कर दिया. एक शब्द में यह पहल ऐतिहासिक है. जिला शासक पृथा सरकार ने कहा कि 12 फरवरी को माल शहर में राज्य सरकार के पिछड़े श्रेणी कल्याण दफ्तर की ओर से सरकारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कड़ी सुरक्षा का भी बंदोबस्त किया गया है. परिषद को मुख्यमंत्री को सम्मानित करने की अनुमति दी गयी है. तृणमूल के जिला अध्यक्ष चंदन भौमिक ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस डुवार्स सफर में राज्यभर के आदिवासियों के लिए कई विकासमूलक परियोजनाओं के घोषणा की संभावना है.