10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छीटमहल वासियों ने की आंदोलन की तैयारी, गांवों के लोग हुए एकजुट नया संगठन बनाया

जलपाईगुड़ी. जलपाईगुड़ी में एक बार फिर से बेरूबाड़ी आंदोलन की तरह नये आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इस बार जलपाईगुड़ी के दक्षिण बेदूबाड़ी के चार गांव के लोग आंदोलन की रूपरेखा तय करने में जुट गये हैं. इन चार गांवों में करीब दस हजार लोग हैं. यह सभी लोग उत्तर बंग उन्नयन कमेटी […]

जलपाईगुड़ी. जलपाईगुड़ी में एक बार फिर से बेरूबाड़ी आंदोलन की तरह नये आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इस बार जलपाईगुड़ी के दक्षिण बेदूबाड़ी के चार गांव के लोग आंदोलन की रूपरेखा तय करने में जुट गये हैं. इन चार गांवों में करीब दस हजार लोग हैं.
यह सभी लोग उत्तर बंग उन्नयन कमेटी का गठन कर दिल्ली अभियान करेंगे और वहां जाकर आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही लोकसभा में भी छींटमहल के लोगों की समस्या उठवाने की कोशिश की जा रही है. तृणमूल कांग्रेस सांसदों की मदद से इस समस्या को लोकसभा में उठाया जायेगा. यहां के लोगों का आरोप है कि छींटमहलवासियों के पुनर्वास तथा ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपये दिये गये हैं, लेकिन बेदूबाड़ी के इन चार गांवों में कुछ भी नहीं हुआ है. भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा समझौते के अनुसार, दक्षिण बेदूबाड़ी के यह चार गांव भारतीय सीमा का हिस्सा है. बढ़शशि, काजलदीघी, चीलाहाटी तथा नवतारी परानीग्राम, इन चार गांवों में अब तक विकास की कोई पहल शुरू नहीं की गई है. इन लोगों ने केन्द्र तथा राज्य सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की है. यहां उल्लेखनीय है कि देश की आजादी के बाद से ही यह चारों गांव भारतीय सीमा क्षेत्र में दिये गये थे. हालांकि इसे भारतीय नक्शे में नहीं दिखाया गया.

बांग्लादेश के नक्शे में इन चारों गांवों को दिखाया गया था. बाद में नेहरू-नून तथा इंदिरा-मुजीब समझौते के बाद इन चारों छींटमहलों को बांग्लादेशी नक्शे से हटा दिया गया. उसके बाद ही इन गांवों के लोगों की स्थिति नहीं सुधरी. दक्षिण बेदूबाड़ी प्रतिरक्षा कमेटी के अध्यक्ष तथा जलपाईगुड़ी जिला फॉरवर्ड ब्लॉक के अध्यक्ष शारदा प्रसाद दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि छींटमहलवासियों के लिए करोड़ों रुपये दिये जाने की बात वह सुन रहे हैं, लेकिन इन चार गांवों के लोगों को अब तक एक रुपया भी नहीं मिला है.

सड़कों की स्थिति काफी खराब है. चिलाहाटी, गौड़चंडी, मानिकगंज होते हुए वनग्राम तक सात किलोमीटर सड़क काफी खराब है. वाहनों का चलना तो दूर, पैदल चलना तक मुश्किल है. यही स्थिति काजलदीघी सातकुड़ा, धरधरा बाजार आदि इलाके की है. सिर्फ सड़कें ही नहीं, स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी पूरी तरह से अभाव है.

जन्म तथा मृत्यु प्रमाण-पत्र तक नहीं दिये जा रहे हैं. यहां के लोगों को 100 दिन रोजगार योजना के तहत भी काम नहीं मिल रहा है. पेयजल की समस्या भी जस की तस बनी हुई है. इधर, प्रतिरक्षा कमेटी के कार्यकारी सदस्य तथा तृणमूल के अंचल अध्यक्ष नृपतिभूषण राय का कहना है कि उत्तर बंग उन्नयन संग्राम कमेटी से तृणमूल का कोई लेना-देना नहीं है.

हालांकि वह व्यक्तिगत रूप से इस कमेटी में हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पहल से ही भारत तथा बांग्लादेश के बीच छींटमहल विनिमय समझौता हुआ है. इसके तहत यहां के लोगों को भी सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. जलपाईगुड़ी के तृणमूल सांसद विजय चन्द्र बर्मन के द्वारा इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया जायेगा. इधर, सांसद विजय चन्द्र बर्मन का कहना है कि उन्होंने इन गांवों का दौरा किया है. यहां केन्द्र सरकार ने वादे के अनुरूप कुछ भी नहीं किया है. वह इस मुद्दे को लोकसभा में उठायेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें