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एडीजी, एसआरपी ने की ट्रेन डकैती की समीक्षा

आसनसोल : हावड़ा अमृतसर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे मवेशी व्यवसायियों से 60 लाख रुपये से अधिक की हुयी डकैती के 36 घंटे बीतने के बाद भी अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिला है. इधर घटनास्थल अंडाल जीआरपी के अधीन होने के कारण दर्ज प्राथमिकी अंडाल जीआरपी को प्रेषित कर दी गयी. सरकारी रेल पुलिस […]

आसनसोल : हावड़ा अमृतसर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे मवेशी व्यवसायियों से 60 लाख रुपये से अधिक की हुयी डकैती के 36 घंटे बीतने के बाद भी अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिला है.

इधर घटनास्थल अंडाल जीआरपी के अधीन होने के कारण दर्ज प्राथमिकी अंडाल जीआरपी को प्रेषित कर दी गयी. सरकारी रेल पुलिस (जीआरपी) के सहायक महानिदेशक एके सरकार तथा अधीक्षक एमके दास ने रविवार को अंडाल का दौरा किया तथा जांच अधिकारियों से मामले की जानकारी ली. उन्होंने अपराधियों को दबोचने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया.

सनद रहे कि उक्त ट्रेन के साधारण डिब्बे में सवार मवेशी व्यवसायियों से रानीगंज स्टेशन से ट्रेन के खुलने पर अपराधियों ने लूट की थी तथा निमचा व कालीपहाड़ी स्टेशनों के बीच चेन पुलिंग कर उतर गये थे.

अंडाल जीआरपी को जांच का प्रभार

अंडाल जीआरपी में भादवि की धारा 384/397/25 एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत कांड संख्या 01/2014 दर्ज की गयी है. जीआरपी के एडीजी श्री सरकार व एसआरपी श्री दास सीधे अंडाल जीआरपी थाना पहुंचे. उन्होंने जांच अधिकारी से पूरे मामले की जानकारी ली और अपराधियों को दबोचने के लिए निर्देश दिये. मौके पर आरपीएफ के इंटेलिजेंस विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.

मंडल के वरीय मुख्य सुरक्षा आयुक्त अमरेश कुमार ने कहा कि जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टीम के साथ इंटेलिजेंस विभाग के अधिकारी भी सहयोग कर रहे हैं. स्थानीय कमिश्नरेट पुलिस का भी सहयोग मिल रहा है. संयुक्त छापेमारी जारी है. कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. जल्द ही इस मामले में ब्रेक थ्रू कर लिया जायेगा.

व्यवसायियों की हुई थी रेकिंग

जीआरपी सूत्रों ने कहा कि वरीय अधिकारियों ने पूरे अपराध क्रम की जानकारी ली. उनका कहना था कि अपराधी मवेशी व्यवसायियों पर पहले से ही नजर रख रहे थे. यही कारण है कि उन्होंने यह पता लगाया कि ये व्यवसायी किस ट्रेन और किस डिब्बे में सफर करते हैं.

अपराधियों से बचने के लिए ही व्यवसायी भी सामान्य डिब्बे में सफर करते थे, ताकि वहां भीड़ से उन्हें सुरक्षा कवच मिलता रहे. लेकिन अपराधियों ने उन्हें अपना शिकार बना लिया. उन्होंने कहा कि अपराधियों का संबंध या तो इलम बाजार से होना चाहिए, जहां वे मवेशियों की बिक्री करते हैं या फिर उनके गृह क्षेत्र यानी बक्सर जिले के चौसा से.

अपराधियों को स्थानीय क्षेत्र की पूरी जानकारी थी, यही कारण है कि उन्होंने निमचा व कालीपहाड़ी स्टेशनों के बीच भागने की रणनीति बनायी. यहां से नेशनल हाइवे तथा कोलियरी क्षेत्र काफी नजदीक है. इन संभावित क्षेत्र में सूचना तंत्र को सक्रिय करने तथा संदिग्ध अपराधियों को खंगालने की रणनीति बनायी गयी है.

यात्रियों को मिले पूरी सुरक्षा

राजद जिलाध्यक्ष नंद बिहारी यादव ने कहा कि लूटे मनोज यादव व सुरेंद्र नाथ पांडे ने उनसे मिलकर पूरी जानकारी दी है. रेल यात्रियों की सुरक्षा रेल प्रशासन की जिम्मेवारी है. पीड़ित यात्रियों के इलाज व क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए.

जिला अस्पताल से रिलीज हुए यात्री

आसनसोल जिला अस्पताल में घायल यात्रियों की प्राथमिक चिकित्सा की गई. सभी यात्रियों को आउटडोर में चिकित्सा उपलब्ध कराई गई. घायलों के आग्रह पर उन्हें रिलीज कर दिया गया. घायलों का कहना था कि वे अपने शहर में जाकर इलाज करायेंगे.

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