बदले में इन्हें लाइफ मेम्बरशिप दी गई थी. अब आलम यह है कि स्टेडियम में आयोजित होने वाले किसी भी मैच अथवा कार्यक्रमों के लिए इन सदस्यों को न्योता तक नहीं दिया जाता. स्टेडियम निर्माण के बाद ही स्टेडियम कमेटी की ओर से दानदाताओं को लाइफ मेम्बरशिप दी गई थी और उसके साथ ही किसी भी मैच में मुफ्त टिकट सहित कई अन्य सुविधाओं का ऐलान किया गया था. श्री खोरिया ने आगे कहा है कि वर्ष 1988 में सिलीगुड़ी के व्यवसायियों ने स्टेडियम बनाने के लिए 45 लाख रुपये दिये थे.
इस आर्थिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए ही स्टेडियम के एक ब्लॉक का नाम व्यवसायी समिति ब्लॉक रखा गया है. जबकि एक गेट का नाम भी व्यवसायियों के संगठन फोसिन के नाम पर फोसिन गेट रखा गया है. अब जब सिलीगुड़ी शहर के साथ ही कंचनजंगा स्टेडियम ने भी एक बड़ा रूप धारण कर लिया है तब स्टेडियम कमेटी अपने पुराने दानदाताओं को भूल गई है. श्री खोरिया ने आगे कहा है कि लाइफ मेम्बरों को मुफ्त टिकट देने सहित अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर सिलीगुड़ी के एसडीओ को एक चिट्ठी भी लिखी गई, लेकिन इसका भी कोई लाभ नहीं हुआ. लाइफ मेम्बर अभी तक एसडीओ के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.