श्री कीर्तनिया ने पूरे दावे के साथ कहा कि इसी वजह से तृणमूल जिला नेतृत्व ने पार्टी हाइकमान को धोखा देकर छठी पास तणमूल नेता अमर सिन्हा को माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी सीट से टिकट दिलवा दिया. जबकी जिला नेतृत्व के पास चार नेताओं के नामों का प्रस्ताव टिकट के लिए आया था. इनमें से जिला नेतृत्व ने पहले उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपक सरकार को टिकट देने का फैसला किया था.
लेकिन पार्टी हाइकमान द्वारा इस सीट से अमर सिन्हा के नाम का एलान किये जाने पर माटीगाड़ा और नक्सलबाड़ी के तणमूल नेता-कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि आम जनता भी आश्चर्य चकित हो उठे. श्री किरतनिया का कहना है कि अगर इस चुनावी मैदान में तणमूल दीपक सरकार को उतारती तो वाम-कांग्रेस गठबंधन के शंकर मालाकार चारों खाने चित्त हो जाते और तणमूल की हर हालत में जीत होती. लेकिन जिला नेतृत्व ने जान-बूझ कर अमर सिन्हा को टिकट दिलवाकर शंकर मालाकार का रास्ता पूरी तरह साफ करवा दिया. श्री कीर्तनिया ने अमर सिन्हा को फर्जी तणमूल नेता करार दिया. उन्होंने दावा किया कि श्री सिन्हा छठी पास है. लेकिन उन्होंने अपने हलफनामें में 10वीं पास का उल्लेख किया है जो पूरी तरह फर्जी है. साथ ही श्री कीर्तनिया ने शंकर पर भी फर्जी नेता का तमगा लगाया. उन्होंने पूरे दावे और तथ्यों के साथ कहा कि शंकर मालाकार ने अपने सगे भाई मलय मालाकार के 10वीं पास एडमिट कार्ड व पैन कार्ड के आधार पर अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र बनवाया था. एडमिट कार्ड में उनके पिता का नाम राजेंद्रनाथ मालाकार उल्लेख है जबकि पैन कार्ड में राजेन मालाकार का. वहीं, एडमिट कार्ड में मलय की जन्म तारीख 27 नवंबर 1975 है जबकि पैन कार्ड में 17 नवंबर 1967.
श्री कीर्तनिया ने कहा कि एक ही आदमी का दो-दो बार जन्म कैसे हो सकता है और जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए एक गेजेटेड अधिकारी कैसे फर्जी दस्तावेजों का सत्यापन (एटेस्टेड) कर सकता है. उन्होंने शंकर मालाकार के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से जुड़ी फर्जी दस्तावेजों की कॉपियां मीडिया कर्मियों को सौंपते हुए दावा ठोंक कर कहा कि जो भी इन दस्तावेजों को फरजी साबित कर देगा,उस व्यक्ति को एक लाख रूपये पुरस्कार के रूप में देंगे. उन्होंने कहा कि शंकर मालाकार के विरूद्ध जमीन पर अवैध कब्जा और फरजी जाति प्रमाण-पत्र बनवाने को लेकर बागडोगरा में एक एवं सिलीगुड़ी थाने में तीन अलग-अलग मामले दायर हैं. जमीन जायदाद का पहला मामला बागडोगरा थाना में 16 जनवरी 2015 को कांड संख्या 27/15, भारतीय दंड विधान (भादवि) की धारा 420/506/34 के तहत दायर हुआ. दूसरा मामला फरजी जाति प्रमाण-पत्र को लेकर सिलीगुड़ी थाना में पांच फरवरी 2015 को दायर हुआ. तीसरा मामला स्कूल के फर्जी दस्तावेज बनवाने को लेकर सिलीगुड़ी थाना में चार अगस्त 2015 को कांड संख्या 705/15, भादवि की धारा 468/471/120बी के तहत दायर हुआ. तीनों ही मामला श्री किरतनिया ने शंकर मालाकार के विरूद्ध दायर कराया है.