स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महानंदा एक्शन प्लान के तहत विशेष परियोजना लगाने के लिए एसजेडीए ने यहां कुछ वर्षों पहले 15 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया था. स्थानीय सूत्रों ने बताया कि 15 बीघा जमीन में से 10 बीघा जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया है. इस जमीन पर घेराबंदी कर प्लॉटिंग करने का काम पिछले दो-तीन दिनों से जारी है. आरोप है कि कुछ स्थानीय तृणमूल नेताओं की मदद से भूमाफिया इस काम को अंजाम दे रहे हैं.
एसजेडीए के नियंत्रण में स्थित इस सरकारी जमीन की बिक्री की जा रही है. पिछले कुछ दिनो से डेढ़ से दो लाख रुपये कट्ठा के दर से जमीन की बिक्री हो रही है. जमीन पर अवैध रूप से कब्जा तथा उसकी बिक्री को लेकर विरोधी दल माकपा ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. माकपा नेता जीवेश चौबे का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग भूमाफियाओं की मदद से सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे आम लोगों को बेच रहे हैं. यह एक तरह से आम लोगों के साथ धोखाधड़ी है. लोग इस जमीन को खरीदने में अपनी जीवन भर की कमाई दांव पर लगा रहे हैं. श्री चौबे ने कहा कि यह सरकारी जमीन है और जब भी महानंदा एक्शन प्लान के लिए सरकार को इसकी जरूरत होगी, उसे ले लेगी. ऐसी परिस्थित में वह गरीब तथा आम लोग सड़क पर आ जायेंगे जो अपनी जीवन भर की कमाई लगाकर एसजेडीए द्वारा अधिग्रहित इस सरकारी जमीन को खरीद रहे हैं. यहां उल्लेखनीय है कि भूमाफियाओं ने उत्तरकन्या के निकट स्थित हाउसिंग विभाग की आठ एकड़ जमीन में से 80 प्रतिशत जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस मामले में भी स्थानीय तृणमूल नेता विपक्ष के निशाने पर हैं.