प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बीमारी से पीड़ित प्रियम को सिलीगुड़ी के नेवटिया गेटवेल अस्पताल में भरती कराया गया था. यहां कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट स्वयं प्रकाश ने उसकी जांच की. डॉ प्रकाश ने यहां संवाददाताओं को बताया कि आम इंसेफलाइटिस की बीमारी से इस प्रकार के इंसेफलाइटिस की बीमारी कुछ अलग है. इसमें रोगियों को काफी परेशानी होती है.
उन्होंने इस बच्ची को करीब दो सप्ताह तक अपनी निगरानी में रखा. इस दौरान उसकी चिकित्सा तो की ही जा रही थी, साथ ही उसके व्यवहार पर नजर रखी जा रही थी. पहले डॉक्टरों को यह समझ में नहीं आया कि यह किस प्रकार की बीमारी है. काफी जांच रिपोर्ट के बाद पता चला कि बच्ची एनएमडीएआर इंसेफलाइटिस से पीड़ित है. यह बीमारी एक विशेष प्रकार के वायरस से होती है. वर्ष 2005 में इस वायरस की खोज हुई है. सफल चिकित्सा के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है. बच्ची की मां यशोदा छेत्री ने डॉ स्वयं प्रकाश का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनकी बच्ची को नयी जिंदगी मिली है.