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मालदा में वामो व कांग्रेस में गंठबंधन तय : सीट बंटवारे की कवायद भी शुरू

मालदा : एक समय ममता बनर्जी को साथ लेकर वामो शासनकाल के खिलाफ स्वर्गीय कांग्रेस नेता गनी खान चौधरी ने राज्य में परिवर्तन का नारा बुलंद किया था. गनी खान की मौत के बाद कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस ने गठबंधन कर राज्य से वामो के 34 वर्षों के शासन काल का अंत कर दिया. उसी […]

मालदा : एक समय ममता बनर्जी को साथ लेकर वामो शासनकाल के खिलाफ स्वर्गीय कांग्रेस नेता गनी खान चौधरी ने राज्य में परिवर्तन का नारा बुलंद किया था. गनी खान की मौत के बाद कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस ने गठबंधन कर राज्य से वामो के 34 वर्षों के शासन काल का अंत कर दिया. उसी गनी खान की मिट्टी से इस बार वामो के साथ गठजोड़ कांग्रेस फिर से परिवर्तन की आवाज उठा रही है. कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत जिला वामों नेताओं ने भी दिए हैं.
जिला नेतृत्व का साफ कहना है कि कांग्रेस से गठबंधन ना करने पर दोनो दलों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता हैं. इस खतरे को समझ कर ही कांग्रेस गठजोड़ की बात कर रही है. पिछले कुछ चुनावों में राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने जिस तरह जीत हासिल की है उससे आगामी विधानसभा चुनाव में भी यह तस्वीर नहीं बदलेगी. तृणमूल के आतंक से मतदाता मतदान करने नहीं आयेंगे़ इसी का फायदा तृणमूल कांग्रेस उठायेगी. शासकदल की शक्ति को देखकर गठजोड़ करने की शुरूआत कांग्रेस के दो सांसद अबू हासैन खान चौधरी एवं मौसम नूर ने कर दी है.
कांग्रेस के साकारात्मक संकेत को समझ कर वाम नेता भी मैदान में उतर चुके हैं. एक जनवरी को सीपीआईएम के राज्य सचिव मंडली के सदस्य श्यामल चक्रवर्ती मालदा आये हुये थे. सचिव मंडली की बैठक में सदस्यों ने गठबंधन का सीधा समर्थन किया है.
गठबंधन की आवश्यकता को भी जिला नेताओं ने सचिवमंडली की बैठक में साफ कर दिया है. नेताओं का कहना है कि गठबंधन के बिना एक भी सीट पर कब्जा करना वाममोरचा के लिये संभव नहीं है.
जिले के 12 विधान सभा केद्रों में 5-7 एवं 6-6 के सीट बंटवारे पर वाममोरचा व कांग्रेस के बीच विचार-विमर्श चल रहा है. वामदल एवं कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि विधानसभा केद्रों बंटवारा पार्टियों की शक्ति के हिसाब से होगा.
वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में 12 विधानसभा सीटों में से तृणमूल कांग्रेस मात्र एक सीट जीत पायी थी, जबकि कांग्रेस को 8 सीट एवं वाममोरचा के आरएसपी, फॉरवार्ड ब्लॉक एवं सीपीआईएम को एक-एक सीटें मिली थी. चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के तीन विधायक कृष्णेंदु चौधरी, सुशील राय एवं अबु नासेर खान चौधरी तृणमूल में शामिल हो गये. दूसरी ओर हरिश्चंद्रपुर के विधानसभा क्षेत्र के फॉरवार्ड ब्लॉक के विधायक ताजमूल हुसैन हाल में ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुये है.
गठबंधन के विषय पर माकपा जिला सचिव अंबर मित्र का कहना है कि चारों ओर गठबंधन की हवा बह रही है. दोनों पार्टियों के बीच विचार-विमर्श भी जारी है लेकिन अभी तक कुछ भी साफ नहीं हुआ है. दक्षिण मालदा के सांसद अबु हासैन खान चौधरी ने साफ बताया कि विधानसभा केद्रों को लेकर समस्या नहीं होगी. तृणमूल को सत्ता से खदेड़ने के लिये गठबंधन करना जरूरी है.

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