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चाय श्रमिकों की मौत भूख से नहीं

सिलीगुड़ी. गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) को लेकर त्रिपक्षीय बैठक नयी दिल्ली में पांच जनवरी को होगी. इस बैठक में गोजमुमो नेता के अलावा केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. यह जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी. वह कोलकाता रवाना होने से पहले सुकना में संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं. ममता बनर्जी […]

सिलीगुड़ी. गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) को लेकर त्रिपक्षीय बैठक नयी दिल्ली में पांच जनवरी को होगी. इस बैठक में गोजमुमो नेता के अलावा केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. यह जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी. वह कोलकाता रवाना होने से पहले सुकना में संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने त्रिपक्षीय समझौते के तहत दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में काम के लिए जीटीए का गठन कर दिया है. पहाड़ पर विकास का काम जीटीए को करना है. जीटीए की विभिन्न समस्याओं को लेकर त्रिपक्षीय बैठक होनी है.

इस बैठक में इन समस्याओं के समाधान पर विचार होगा. मुख्यमंत्री ने डुवार्स के चाय बागानों में चाय श्रमिकों की मौत को लेकर कहा कि यह समस्या काफी पुरानी है और इसका समाधान इतना जल्द होना संभव नहीं है. फिर भी वह राज्य सरकार की ओर से इस समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रही हैं. पूर्ववर्ती वाम मोरचा सरकार ने चाय बागानों की समस्या दूर करने की कभी कोई कोशिश नहीं की. इसी वजह से इस समस्या ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया. उन्होंने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. ममता ने कहा कि चाय बागानों की समस्या दूर करने के लिए केंद्र सरकार को भी पहल करनी चाहिए. केंद्र सरकार के मंत्री यहां आकर चाय बागानों का दौरा कर सिर्फ बयानबाजी करते हैं. समस्या के समाधान को लेकर कोई पहल नहीं करते.

उन्होंने केंद्र सरकार को इस मामले में चिट्ठी भी लिखी है और चाय बागानों तथा चाय श्रमिकों की समस्या की समाधान करने की मांग की है. ममता ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जितना संभव है, वह चाय श्रमिकों की मदद कर रही हैं. 100 करोड़ रुपये के पैकेज का एलान पहले ही किया जा चुका है. इसके अलावा डंकन्स के बंद चाय बागानों को खोलने को लेकर डंकन्स के मालिकों के साथ बातचीत हो चुकी है. बंद चाय बागानों को खुलवाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने भूख की वजह से चाय श्रमिकों की मौत से भी इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि चाय बागानों में कार्यरत चाय श्रमिकों की मौत नहीं हो रही है. अधिकांश अवकाश प्राप्त चाय श्रमिक अथवा उनके परिवार वालों के मरने की बात सामने आयी है. राज्य सरकार ने चाय बागानों में दो रुपये किलो की दर से चावल मुहैया कराने की व्यवस्था की है. ऐसे में भूख से चाय श्रमिकों की मौत का सवाल ही नहीं है. मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी को फिर से सिलीगुड़ी आने का एलान किया. उन्होंने बताया कि 21 जनवरी को सिलीगुड़ी के सालुगाड़ा में शोरया सफारी पार्क का उदघाटन करेंगी. इस पार्क के प्रथम चरण का काम पूरा हो गया है. कुल 300 करोड़ रुपये खर्च कर इस सफारी पार्क का निर्माण किया जा रहा है.
कूचबिहार और कोलकाता के बीच विमान सेवा शुरू
ममता बनर्जी ने कहा कि कूचबिहार और कोलकाता के बीच विमान सेवा की शुरूआत हो गयी है. 31 दिसंबर को कूचबिहार से कोलकाता के लिए पहला विमान उड़ान भरेगा. इसके अलावा मालदा-कोलकाता-बालुरघाट विमान सेवा शुरू करने की भी कोशिश की जा रही है. अगले साल तक इस रूट पर भी विमान सेवा शुरू हो जाने की संभावना है.
कोलकाता वापस लौटीं मुख्यमंत्री: इसके साथ ही अपना दो दिवसीय उत्तर बंगाल दौरा समाप्त कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता वापस लौट गयी हैं. मंगलवार को मुख्यमंत्री उत्तर दिनाजपुर तथा दक्षिण दिनाजपुर जिले में आयोजित सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आयी थीं. उन्होंने इन दोनों ही जिलों में कई परियोजनाओं का शिलान्यास एवं कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था. बुधवार को ही मुख्यमंत्री दोनों जिलों का दौरा करने के बाद हेलीकॉप्टर से सिलीगुड़ी के निकट सुकना आ गयी थीं. उन्होंने सुकना के वन बंगलो में रात्रि विश्राम किया. आज बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच ममता बनर्जी सुकना से बागडोगरा हवाई अड्डा के लिए रवाना हुईं और वहां से कोलकाता वापस लौट गयीं.

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