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चाय बागानों में महिला तस्करी का बढ़ा खतरा

सिलीगुड़ी. डुवार्स के बंद तथा खस्ताहाल चाय बागानों में महिला तस्करी की संभावना काफी अधिक बढ़ गयी है. इन दिनों यहां के चाय बागानों की स्थिति बेहद खराब है तथा भूख एवं बीमारी की वजह से हर दिन ही किसी न किसी चाय श्रमिक की मौत हो रही है. खासकर डंकन्स के चाय बागानों में […]

सिलीगुड़ी. डुवार्स के बंद तथा खस्ताहाल चाय बागानों में महिला तस्करी की संभावना काफी अधिक बढ़ गयी है. इन दिनों यहां के चाय बागानों की स्थिति बेहद खराब है तथा भूख एवं बीमारी की वजह से हर दिन ही किसी न किसी चाय श्रमिक की मौत हो रही है. खासकर डंकन्स के चाय बागानों में तो स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. पिछले दो महीनों में ही डुवार्स के चाय बागानों में 65 श्रमिकों की मौत हो चुकी है.

राज्य सरकार की ओर से भले ही श्रमिकों की मौत भूख से नहीं होने की बात कही जा रही हो, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि गरीब चाय श्रमिक पैसे के अभाव में दो वक्त की रोटी भी ठीक से नहीं खा पा रहे हैं. जिसकी वजह से वह बीमार पड़ रहे हैं और चिकित्सा नहीं होने की वजह से उनकी मौत हो रही है. डुवार्स के बंद तथा बदहाल चाय बागानों में अभी भी कई चाय श्रमिक बीमार होकर मौत से पंजा लड़ा रहे हैं.

चाय श्रमिकों की इसी लाचारी का फायदा उठाने के लिए इन दिनों महिला तस्करी गिरोह के सदस्य डुवार्स के चाय बागानों में सक्रिय हो गये हैं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चाय बागानों के युवा महिलाओं एवं लड़कियों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों ने बताया है कि इन महिला तस्करों के तार दिल्ली के तस्करों के साथ जुड़े हुए हैं. चाय बागान के युवा महिलाओं एवं लड़कियों को रोजगार दिलाने के नाम पर बरगलाने की कोशिश की जा रही है. स्वाभाविक तौर पर इस मामले के खुलासे के बाद से पुलिस प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि डंकन्स समूह के चाय बागानों के अलावा अन्य चाय बागानों पर भी निगरानी रखी जा रही है. यहां उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल हमेशा से ही महिला तस्करों का स्वर्ग रहा है.

खासकर डुवार्स में महिला तस्करी की घटनाएं काफी अधिक होती है. भूख एवं गरीबी से लाचार चाय बागान की महिलाएं महिला तस्कर गिरोह के झांसे में आसानी से आ जाती हैं. इन महिलाओं को दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद आदि शहरों में अच्छी नौकरी का झांसा दिया जा रहा है. महिलाएं भी इस झांसे में आ जाती हैं. बाद में इन महिलाओं को रेड लाइट एरिया में बेच दिया जाता है. इसके अलावा कई महिलाओं को बहुत ही कम पैसे पर घरेलू नौकरानी के काम पर लगा दिया जाता है. इस बीच, महिला तस्करी रोकने के लिए कार्यरत एक स्वयंसेवी संगठन शक्तिवाहिनी ने डुवार्स के चाय बागानों में जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. शक्तवाहिनी के रिजनल हेड दीप बनर्जी का कहना है कि पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर शीघ्र ही चाय बागानों में जागरूकता अभियान की शुरूआत की जायेगी.

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