आसनसोल : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) से संबद्ध स्कूलों में पढ़नेवाले स्टूडेंट्स को अब अपने आचरण पर भी विशेष ध्यान देना होगा. यदि उन्होंने अपना आचरण नहीं सुधारा, तो इसका खामियाजा उन्हें परीक्षाओं में भुगतना पड़ेगा.
इस साल से सीबीएसइ ने नौवीं व 10वीं क्लास में व्यवहार, खेल, रोजमर्रा की जिंदगी के प्रायोगिक अनुभव के आधार पर भी अंक देने का फैसला किया है. इस संबंध में स्कूलों को सकरुलर जारी कर नौवीं व 10वीं क्लास में इस योजना को इसी साल से लागू करने के निर्देश जारी किये हैं.
इस बारे में सीबीएसइ के को-ऑर्डिनेटर का कहना है कि अब स्टूडेंट्स को प्रश्न पत्र में मूल्यों से जुड़े सवालों का भी जबाव लिखना होगा. इसके लिए तीन से पांच अंक भी दिये जायेंगे.
100 अंक के प्रश्नपत्र में पांच अंक के प्रश्न और 70 से 90 अंक के प्रश्नपत्र में तीन से चार अंक के प्रश्न होंगे. उन्होंने कहा कि इसमें स्टूडेंट्स के एकेडमिक के अलावा स्कूल के प्रति एटीट्यूट, क्लासमेट के प्रति एटीट्यूट, खेल-कूद में कितना हिस्सा ले रहे हैं, स्कूल के किसी प्रोग्राम के प्रति कितना ध्यान देते हैं, इन सारी चीजों पर नंबर दिया जाता है.
इनमें शामिल होंगे सवाल
बोर्ड इंग्लिश इलेक्टिव व कोर हिंदी इलेक्टिव व कोर गणित, बॉयोलॉजी फिजिक्स, केमिस्ट्री, एकाउंटेंसी, हिस्ट्री, जियोग्राफी, बिजनेस, इकॉनोमिक्स, अकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज आदि में अगले वर्ष से लागू किये जायेंगे. इस बारे में केंद्रीय विद्यालय का कहना है कि बोर्ड के इस कदम से विद्यार्थियों में मूल्य विकास के साथ उन्हें रोजमर्रा की चुनौतियों से पार पाने की क्षमता का विकास होगा.