सिलीगुड़ी: देश का पहला सफारी पार्क का सपना दिसंबर में साकार हो सकता है. क्योंकि केंद्र सरकार की मुहर सफारी पार्क के डीपीआर पर लग सकती है. डीपीआर पर मुहर लगते ही पार्क निर्माण का कार्य शुरू हो जायेगा.
देशी व विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए वन विभाग द्वारा एक अनोखा कान्सेप्ट है. वन विभाग ने इस कॉन्सेप्ट को सफारी पार्क का नाम दिया है. इस तरह का सफारी पार्क राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में पहला होगा. उक्त पार्क पर्यटकों के लिए एक दम ही नया होगा. राज्य सरकार की तो पहले ही हरी झंडी मिल गयी है.
बस दिसंबर में केंद्र सरकार के सफारी पार्क के डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर मुहर लग जाये फिर तो बल्ले-बल्ले हो जायेगा. पार्क का निर्माण 700 एकड़ जमीन पर होगा. पार्क के लिए जंगल की जमीन देखी गयी है वह बैकुंठपुर फॉरेस्ट डिवीजन के आदाबाड़ी बीट के क्षेत्र में पड़ता हैं. पार्क का कॉन्सेप्ट कुछ हट कर हैं. ऐसा कहे ही जो इंसान पार्क में जंगली जानवरों को देखने जायेंगे. वह पिजड़ें में होंगे और जंगली जानवर खुलें में. मतलब पार्क में पर्यटकों को जाने के लिए एक लोहें के नेट का रास्ता बनाया जायेगा. उसी के रास्ते पर्यटक पार्क में प्रवेश करेंगे. वहीं जंगली जानवर पार्क में खुलें रहेंगे. वह नेट के करीब भी आ सकते हैं. पर इससे पर्यटकों को कोई खतरा नहीं होगा.
मजबूत लोहें का नेट होगा. और पर्यटक जंगली जानवरों को नजदीक से देख सकेंगे. पार्क का निर्माण करने में लगभग 200 करोड़ रुपयों का खर्च आयेगा. वहीं उक्त पार्क में 200 से अधिक जंगली जानवर रहेंगे. जिसमें मुख्य जंगली जानवर कुछ इस प्रकार होंगे. हाथी, बाघ, गेंडा, तेंदुआ, बाइसन, हिरण, भालू, लाल पांडा,जेबरा, जिराफ, बंदर आदि जानवर मुख्य आकर्षण का केन्द्र होंगे. पार्क में दूर दरार से सिलीगुड़ी आये पर्यटकों को डूवार्स में जंगली जानवारों को देखने नहीं जाना पड़ेंगा. सभी जानवर जंगल में ही पार्क में देख सकेंगे. पार्क का डीपीआर नागपुर की एक कंपनी ने तैयार किया हैं.