पूर्व सांसद राई द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि डुवार्स क्षेत्र के बंद पड़े चाय बागानों में करीब 30 से अधिक श्रमिकों की मौत भूख के कारण हो चुकी है. भूखमरी के कारण श्रमिकों की इस तरह से मौत होना नरसंहार के समान है. ऐसे चाय बागान के मालिको को कठोर सजा देने की मांग की गई है. श्री राई ने पत्र में आगे लिखा है कि डुवार्स क्षेत्र के बागानों को अघोषित बंद करने के कारण सरकार द्वारा दिये जाने वाले 15 सौ रुपये की आर्थिक सहायता भी श्रमिकों को नहीं मिल रही है. बंद के कारण इन चाय बागानों में पेयजल से लेकर मेडिकल सुविधा बंद कर दी गई है, जिसके कारण चाय श्रमिक कष्टमय जीवन जी रहे हैं.
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चाय समस्या : क्रामाकपा ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी
दार्जिलिंग. बंद चाय बागानों को खुलवाने की मांग करते हुये क्रामाकपा प्रमुख एवं पूर्व सांसद आरबी राई ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय श्रम मंत्री, मानवाधिकार आयोग, राज्य की मुख्यमंत्री आदि को एक पत्र लिखा है. पूर्व सांसद राई द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि डुवार्स क्षेत्र के बंद पड़े चाय बागानों […]
दार्जिलिंग. बंद चाय बागानों को खुलवाने की मांग करते हुये क्रामाकपा प्रमुख एवं पूर्व सांसद आरबी राई ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय श्रम मंत्री, मानवाधिकार आयोग, राज्य की मुख्यमंत्री आदि को एक पत्र लिखा है.
इधर, दार्जिलिंग जिला हिल तृणमूल कांग्रेस ने भी बंद पानीघटा चाय बागान को खोलने की मांग करते हुए कल मंगलवार से आमरन अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है. दार्जिलिंग जिला हिल तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष राजेन मुखिया ने इस संबंध में बताया है कि कल मंगलवार से शुरू होने वाले आमरन अनशन में बागान के 10 श्रमिक भाग लेंगे.
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