सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी गर्ल्स हाई स्कूल में प्रबंधन कमेटी द्वारा धांधली किये जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए कमिटी भंग कर दी और प्रशासक ने स्कूल की जिम्मेदारी संभाल ली. माध्यमिक में पढ़नेवाली छात्राओं से निर्धारित राशि से अधिक फीस लिये जाने के आरोप सही साबित होने के बाद राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन कमिटी को भंग करने का निर्देश दिया था और उसकी जगह प्रशासक नियुक्त करने का एक पत्र भी भेजा था.
विदित हो कि स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए पंजीकरण करने के समय शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन कर परीक्षार्थियों से दोगुना शुल्क वसूल करने का आरोप लगा था. मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बावजूद प्रबंधन कमेटी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. शुल्क कम करने या अतिरिक्त शुल्क वापस लौटाने के लिए प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जयंत कर ने एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से अभिभावकों के साथ राय-मशिवरा करने का फैसला मीडिया को बताया था. वह ऐसा कुछ कर पाते की उससे पहले ही शिक्षा विभाग ने प्रबंधन कमिटी के विरुद्ध कार्रवाई कर दी.
सिलीगुड़ी शिक्षा जिला विद्यालय के निरीक्षक प्राण गोविंद सरकार ने इस मुद्दे पर सरकार की ओर से मिली चिट्ठी की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में मुझे स्कूल प्रबंधन कमेटी को भंग कर प्रशासक नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है. श्री सरकार ने बताया कि बुधवार को गुरुनानक जयंती की सरकारी छुट्टी होने के कारण गुरुवार से प्रशासक स्कूल की जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष जयंत कर ने अभी तक ऐसी कोई चिट्ठी न मिलने की बात कही है. कांग्रेस द्वारा संचालित शिक्षक समिति की दार्जिलिंग जिला इकाई के अध्यक्ष सुजीत विश्वास ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सही समय पर सही फैसला लिया है.
वाम मोरचा द्वारा संचालित शिक्षक संगठन एबीटीए के जिला अध्यक्ष तमाल चन्द्र ने भी सरकार के इस फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि स्कूल कमेटी की वर्षों की धांधली पर अब जाकर रोक लगी है. तृणमूल शिक्षक संगठन के जिला अध्यक्ष परितोष वैरागी का कहना है कि मां-माटी-मानुष की ममता सरकार में किसी भी क्षेत्रों में धांधली व अनियमितता बरदाश्त नहीं की जायेगी. जो शिक्षा के मंदिर पर काली पोतने की चेष्टा कर रहे थे, उनकी पराजय हुई है और आंदोलनकारी अभिभावकों व छात्राओं की जीत हुई है. सिलीगुड़ी गर्ल्स हाई स्कूल पर माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा देने वाली छात्राओं से 550 रुपये शुल्क वसूलने का आरोप था, जबकि नियमानुसार 240 रुपये शुल्क ही लगना चाहिए.