मालदा. सत्तर लाख रूपये की राशन सामग्री चावल, गेंहू आदि को खुले बाजार में बिक्री क रने के आरोपी व्यवसायी पर अबतक कोई कार्रवायी नहीं हुयी है,इसको लेकर जिला खाद्य विभाग ने पुलिस पर नि्क्रिरयता का आरोप लगाया है. उल्लेखनीय है कि गत 14 अगस्त को मालदा के रतुआ थाने में खाद्य विभाग के नियंत्रक आनंद वराईल ने व्यवसायी पवऩ्ा अग्रवाल के विरूद्द राशन की खाद्य सामग्री को लेकर जालसाजी करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी.पुलिस ने जांच शुरू भी की थी.इस तरह की घटना में आरोपी को गैरजमानती धारा के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी रतुआ थाना की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.पुलिस की इस नि्क्रिरयता की जानकारी मालदा खाद्य विभाग ने राज्य खाद्य भवन को दे दी है.
दूसरी ओर व्यवसायी पवन अग्रवाल ने खाद्य विभाग पर षडयंत्र करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. पवन अग्रवाल का कहना है उन्हें मिथ्या मामले में फंसाया जा रहा है. गोदाम में अभी भी खाद्य विभाग द्वारा आवंटित खाद्य सामग्री है. लेकिन खाद्य नियंत्रक कार्यालय से इस तरह के बेबुनियाद आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं,वह नहीं समझ पा रहे हैं. इस विषय पर रतुआ थाना के ओसी राजू खांदेलकर ने बताया कि खाद्य दफ्तर से मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने जांच जारी रखी है.
इधर,सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक व्यवसायी पवन अग्रवाल सामसी व प्राणपुर इलाके के राशन डिस्ट्रीब्यूटर हैं एवं 39 राशन डीलर उनके अधीन काम करते हैं. दो महीने पहले खाद्य सुरक्षा कानून के अन्तर्गत गरीब लोगों को वितरित करने के लिए खाद्य सामग्री व्यवसायी पवन अग्रवाल को दी गई थी. 25 एवं 26 अगस्त को पवन अग्रवाल के गोदाम का निरीक्षण करने आए दल को सामसी व प्राणपुर गोदाम से आवंटित किए गए 2033.71 क्विंटल चावल,1546.57 क्विंटल गेंहू एवं 1.86 क्विंटल आंटा गायब दिखा. इस खाद्य सामग्री की कुल कीमत 70 लाख 62 हजार 395 रूपया 55 पैसा है. इसके बाद 29 जून को व्यवसायी पवन अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया लेकिन सही जवाब नहीं मिलने के कारण उनका लाईसेंस रद्द किया गया.इसके बाद 14 अगस्त को व्यवसायी के विरूद्ध खाद्य दफ्तर की ओर से रतुआ थाने में जालसाजी का मामला दर्ज कराया गया.
क्या है मामला
जिला खाद्य कार्यालय के नियंत्रक आनंद बराईल ने बताया कि मालदा में 24 डिस्ट्रीब्यूटर हैं एवं इनके अधीन 759 डीलर हैं. गत अगस्त महीने से खाद्य सुरक्षा कानून लागू हुआ है एवं सभी डिस्ट्रीब्यूटरों को खाद्य सामग्री आवंटित किया गया. नियमानुसार डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा खाद्य सामग्री डीलरों को आवंटित किया जाना चाहिए था लेकिन चांचल महकमा के अन्तर्गत रतुआ थाना अन्तर्गत मेर्सस सीताराम अग्रवाल पर खाद्य विभाग की ओर से आवंटित खाद्य सामग्री खुले बाजार में बेचने का आरोप है.
75 लाख देना होगा जुर्माना
इस घटना पर राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि आरोपी डिस्ट्रीब्यूटर का लाईसेंस रद्द कर दिया गया. उन्होंने बताया कि आरोपी को 75 लाख रूपया जुर्माना भरना होगा अन्यथा उसे गिरफ्तार किया जाएगा एवं भविष्य में कभी भी उसे लाईसेंस नहीं दिया जाएगा.