सिलीगुड़ी: पिछले 24 घंटे से दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में जारी भारी बारिश ने पूरे पहाड़ की सूरत बिगाड़ दी है. पूरे दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में तबाही का आलम है. तीनों महकमा दाजिर्लिंग, कालिम्पोंग और कार्सियांग में भारी तबाही हुई है. जगह-जगह भूस्खलन से अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है. दर्जनों लोग लापता हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. सैकड़ों मकान जमींदोज हो गये हैं. सबसे अधिक तबाही दाजिर्लिंग के मिरिक ब्लॉक में हुई है. यहां टिंगलिंग में 26 लोग मारे गये हैं.
इसके अतिरिक्त कालिम्पोंग महकमा में 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि दाजिर्लिंग के सुकियापोखरी में एक व्यक्ति की मौत हुई है.मिरिक ब्लॉक एक तरह से श्मशान बन गया है. मंगलवार रात से ही दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में मूसलाधार बारिश जारी है. इस घटना में अब तक जितने लोगों की मौत हुई है, वह सभी स्थानीय निवासी थे. किसी भी पर्यटक के मारे जाने की कोई खबर नहीं है. भूस्खलन की वजह से कई लोग अभी भी विभिन्न स्थानों पर मलबे में दबे हुए हैं.
बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया है. बारिश की वजह से कई स्थानों पर सड़कों पर भारी मिट्टी एवं पत्थर जमा हो जाने की वजह से आवाजाही भी प्रभावित हुई है. सड़कों के बंद होने के कारण राहत एवं बचाव दलों को मौके पर पहुंचने में परेशानी हो रही है. मृतकों की संख्या और भी अधिक होने की आशंका है. बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग 10 और राष्ट्रीय राजमार्ग 55 को भी काफी नुकसान हुआ है. दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र का सिलीगुड़ी से सीधा संपर्क कट गया है. दार्जिलिंग तथा सिक्किम के बीच सड़क और दूरसंचार संपर्क बाधित हो गया है.
जिले के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कार्सियांग में 25 स्थानों पर भूस्खलन की सूचना मिली है. अधिकारियों ने बताया कि एसएसबी के एक दल को प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है. कालिम्पोंग के आठ माइल और 11 माइल इलाकों में 15 लोगों के लापता होने की भी रिपोर्ट मिली है. यहां 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को हुए नुकसान के कारण सिक्किम, कालिम्पोंग, लावा, लोलेगांव और गोरूबथान का सड़क संपर्क टूट गया है. सिलीगुड़ी से माटीगाड़ा होते हुए दाजिर्लिंग जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 55 कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है. सिलीगुड़ी तथा मिरिक के बीच रक्तीखोला में बना एक पुल बारिश में तबाह हो गया है. पुल के टूट कर गिर जाने की वजह से सिलीगुड़ी तथा मिरिक के बीच सड़क संपर्क टूट गया है. अधिकारियों ने बताया है कि दाजिर्लिंग के गैयाबाड़ी, लिम्बू बस्ती, रोहिनी, पंखाबाड़ी के साथ-साथ कालिम्पोंग के शहीद पार्क एवं गोरूबथान इलाके में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. मिरिक के लिम्बू बस्ती में तो स्थिति काफी खराब है. भूस्खलन की वजह से अधिकांश मौतें यही पर हुई हैं.
दाजिर्लिंग के जिलाधिकारी अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव का कार्य जोर-शोर से जारी है. स्थानीय प्रशासन के साथ ही एसएसबी तथा एनएचपीसी से भी सहयोग लिया जा रहा है. सेना को भी राहत एवं बचाव कार्य में लगाया जायेगा. भूस्खलन वाले इलाकों में मेडिकल टीम की रवानगी कर दी गयी है. घायलों की चिकित्सा व्यवस्था की जा रही है. अब तक 15 शवों को विभिन्न स्थानों से बरामद कर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लाया गया है. घायलों को भी बेहतर चिकित्सा के लिए मेडिकल कॉलेज लाया जा रहा है. इस बीच, उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव कोलकाता से सिलीगुड़ी पहुंच गये हैं. वह पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. वह कोलकाता में थे. परिस्थिति खराब होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें सिलीगुड़ी के लिए रवाना कर दिया. गौतम देव ने राहत एवं बचाव कार्य को लेकर अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेने सिलीगुड़ी आ रही हैं. दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन से हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को सिलीगुड़ी में एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगी. उनके प्रभावित इलाकों में जाने का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है.
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि यदि प्रभावित इलाकों में जाने के लिए सड़क संपर्क ठीक रहा, तो मुख्यमंत्री नुकसान का जायजा लेने के लिए उन इलाकों में जा भी सकती हैं. इसबीच उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव मिरिक गए हुए हैं.जीटीए चीफ विमल गुरुंग दाजिर्लिंग से सीधे मिरिक पहुंच गये हैं.राहत एवं बचाव कार्यो के लिए सेना को तैनात किया गया है. इसके साथ ही एनडीआरएफ तथा एनडीएमए की टीम भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है. सेना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना के जवानों को राहत एवं बचाव कार्यो के लिए मिरिक, दाजिर्लिंग तथा कालिम्पोंग के लिए रवाना कर दिया गया है. सभी ओर जाने वाली सड़कों के बंद होने की वजह से सेना के जवानों को मौके पर पहुंचने में परेशानी हो रही है.
सेना व एनडीआरएफ तैनात
राहत एवं बचाव कार्यो के लिए सेना को तैनात किया गया है. इसके साथ ही एनडीआरएफ तथा एनडीएमए की टीम भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है. सेना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना के जवानों को राहत एवं बचाव कार्यो के लिए मिरिक, दाजिर्लिंग तथा कालिम्पोंग के लिए रवाना कर दिया गया है. सभी ओर जाने वाली सड़कों के बंद होने की वजह से सेना के जवानों को मौके पर पहुंचने में परेशानी हो रही है.
रूट में बदलाव, पर्यटक परेशान
पहाड़ में लगातार भूस्खलन होने से राष्ट्रीय राजमार्ग व सड़कें कई जगहों पर टूट चुकी है. सिलीगुड़ी के नजदीक सुकना-गाड़ीधुरा के बीच रक्तीखोला सेतु भी नदी में पूरी तरह बह गया. इस वजह से पहाड़ से समतल का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. रक्तीखोला सेतु के टूट जाने से मिरिक व कार्सियांग का सड़क मार्ग भी बंद हो गया है. अधिकांश रूटों में बदलाव किया गया है. वाहन कई किलोमीटर की यात्र कर मिरिक व कार्सियांग पहुंच रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग 55 की कई जगहों पर सड़कें टूट जाने से वाहन वापस समतल की ओर आने को मजबूर हैं. मिरिक और कार्सियांग की ओर जाने वाली वाहन रक्तीखोला नदी से पहले रोहिनी मोड़ के पास पतन फूलबाड़ी चाय बागान, सिप्टीगुड़ी चाय बागान व मिरिनबाड़ी चाय बागान होते हुए गाड़ीधुरा पहुंच रही है.
गाड़ीधुरा से पंखाबाड़ी रोड होते हुए कार्सियांग एवं गाड़ीधुरा से सीधे मिरिक की ओर वाहन जा रहे हैं. पहाड़ से समतल का सीधा संपर्क टूट जाने से पहाड़वासियों के साथ-साथ पर्यटक भी काफी परेशान हो रहे हैं. पर्यटन मौसम होने की वजह से पहाड़ की हसीन वादियों का लुफ्त न उठाने का मलाल देशी-विदेशी पर्यटकों को ङोलना पड़ रहा है.
प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी सीएम
इस बीच, मुख्यमंत्री ने अपना जिला दौरा रद्द कर दिया है. गुरुवार को वह वीरभूम जिले के दौरे पर जानेवाली थीं. लेकिन वह मुर्शिदाबाद से सीधे दाजिर्लिंग के लिए रवाना हो गयीं. बुधवार की शाम वह उत्तर बंगाल पहुंचीं. बताया जाता है कि गुरुवार को वह मिरिक में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी करेंगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह भारी बारिश के कारण आये भूस्खलन से प्रभावित दाजिर्लिंग हिल्स की स्थिति पर नजदीकी से नजर रखी हुई हैं. उन्होंने भूस्खलन के कारण मारे गये लोगों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की. गौरतलब है कि छिटमहल क्षेत्र के दौरे के लिए राज्य के गृह सचिव बासुदेव बनर्जी पहले से ही उत्तर बंगाल में है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें दाजिर्लिंग की स्थिति पर बराबर नजर रखने का निर्देश दिया है. गृह सचिव ने दाजिर्लिंग जिले के डीएम व एसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत कर, बचाव कार्य को और तेज करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पर्यटकों से किसी प्रकार आतंक नहीं फैलाने का आग्रह किया. उन्होंने पर्यटकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उन लोगों को सुरक्षित नीचे लाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और उनको जल्द ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जायेगा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दाजिर्लिंग में भूस्खलन से मरने वालों के आश्रितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है. मुर्शिदाबाद में प्रशासनिक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए चार लाख रुपये व घायलों के इलाज के लिए 1.25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. उधर, गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) ने भी भूस्खलन में मारे गये लोगों के परिवार वालों तथा घायलों को मुआवजा देने का एलान किया है. जीटीए सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने कहा है कि भूस्खलन में मारे गये लोगों के परिवार वालों को 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे. बिमल गुरुंग ने बुधवार को भूस्खलन को लेकर दाजिर्लिंग में आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को लेकर एक बैठक भी की. वह विभिन्न प्रभावित इलाकों में भी गये.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने किया घटनास्थल का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दाजिर्लिंग जिले में भूस्खलन के कारण जान-माल के नुकसान पर गहरा दु:ख व्यक्त किया और उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को दो लाख रुपये मुआवजा प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने ट्वीट किया कि दाजिर्लिंग जिले में भूस्खलन के कारण जान-माल के नुकसान पर बेहद दुखी हूं. मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. उन्होंने कहा कि पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. एसएसबी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार रात से दाजिर्लिंग जिले के तीन उप मंडलों में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ. इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू की अगुवाई में एक केंद्रीय दल ने बुधवार को दार्जिलिंग के भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत एवं बचाव अभियानों का जायजा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बुधवार शाम यहां पहुंचे रिजिजू ने कार्सियांग के तिंगलिंग इलाके के राहत शिविरों का दौरा किया. इन शिविरों में सैकड़ों विस्थापित रह रहे हैं. रिजिजू ने कहा, ‘पर्वतीय क्षेत्र और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बचाव अभियान चल रहा है. यह बहुत दुखद है कि इतना भयावह नुकसान हुआ है. अब तक 38 शव बरामद किये गये हैं और लापता लोगों की तलाश के लिए प्रयास जारी हैं.’ रिजिजू के साथ दार्जिलिंग से सांसद एस एस अहलुवालिया और गृह मंत्रलय एवं एनडीआरएफ के दूसरे अधिकारी भी थे. इस दल ने अस्पतालों का दौरा कर घायलों से मुलाकात की.
मुआवजा 8,00,000
राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये व घायलों के इलाज के लिए 1.25 लाख रुपये देगी. जीटीए सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने कहा है कि भूस्खलन में मारे गये लोगों के परिवार वालों को 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिवार को दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. इस तरह प्रत्येक मृतक के परिवार को आठ लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गयी है.
तीस्ता नदी उफनायी जलपाईगुड़ी में बाढ़
जलाईगुड़ी में भारी बारिश के बाद तीस्ता नदी उफान पर है. नदी किनारे बसे धुपगुड़ी और बिरेन बस्ती के 400 लोग बेघर हो गये हैं. जलपाईगुड़ी जिले में 5,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लोगों के कच्चे मकान नदी की धार में बह गये हैं. तीस्ता बराज का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बराज से 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे लोगों की समस्या बढ़ गयी है. जलपाईगुड़ी में में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. कहा गया है कि तीस्ता और तोरसा नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं. प्रशासन ने नदी किनारे बसी बस्तियों को खाली कराना शुरू कर दिया है.