सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम में बोर्ड गठन के मद्देनजर 15 नंबर वार्ड के निर्दल पार्षद अरविंद घोष उर्फ अमू दा की डिमांड काफी बढ़ गयी है. अमू दा की दिन की चैन, रात की नींद उड़ गयी है. दिन भर फोन रिसीव करते-करते अमू दा काफी परेशान हो गये हैं. कभी वाम मोरचा तो कभी तृणमूल कांग्रेस के नेता-मंत्रियों का फोन वहीं शाम होते ही मीडिया के सवालों का जवाब अमू दा को मोबाइल पर देना पड़ रहा है.
दूसरी ओर इन दिनों तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शहर में हैं. दीदी के बुलावा का भी डर अमू दा को काफी सता रहा है. इन्हीं सब परेशानियों से तंग आकर अमू दा शहर से ही गायब हो गये. अमू दा के काफी नजदीकी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वह अभी काफी राजनीतिक दबाव में हैं और मानसिक रूप से परेशान हैं.
इन सब से बचने के लिए वह इन दिनों पहाड़ की हसीन वादियों का लुत्फ उठा रहे हैं. उन्होंने सोमवार को सेवक इलाके का भ्रमण किये और पूरा दिन उन्होंने यही पर बिताया. लेकिन अमू दा का कहना है कि वह एक विशेष जरूरी काम से शहर से बाहर हैं. निगम चुनाव में 15 नंबर वार्ड से निर्दल प्रत्याशी के रूप में जीतने के बाद ही अमू दा ने संकेत दिया था कि वह स्वच्छ व स्थायी बोर्ड गठन करने वाले को ही समर्थन देंगे. तृणमूल कांग्रेस को समर्थन करने का कोई सवाल ही नहीं है. फिर भी उन्होंने कहा था कि अगर दीदी खुद बुलाती हैं, तो वह ना नहीं कर सकेंगे.
अमू दा के इस बयान एवं दीदी के सिलीगुड़ी में मौजूद होने की वजह से राजनीतिक माहौल में यह कयास लगाया जा रहा है कि संभवत: अमू दा व दीदी का आमना-सामना न हो, इसीलिए अमू दा के शुभचिंतक उन्हें शहर से ही गायब कर दिया. विदित हो कि सिलीगुड़ी नगर निगम में बोर्ड गठन के लिए वाम मोरचा को केवल एक सीट की जरूरत है. इस बार निगम चुनाव में वाम मोरचा को सभी 47 सीटों में से 23, तृणमूल कांग्रेस को 17, कांग्रेस को 4, भाजपा को 2 तथा निर्दल को एक सीट प्राप्त हुआ.