इस दौरान उन्होंने वार्ड की टीएमसी प्रत्याशी रीता पाल के समर्थन में सेक्स वर्करों से वोट देने की अपील की. साथ ही उन्होंने सेक्स वर्करों की समस्याओं व परेशानियों को भी सुना और समाधान का आश्वासन दिया. रेड लाइट में रहने वाली नजमा बेगम, जुबेदा बेगम समेत अन्य महिलाओं का आरोप था कि चुनाव आते ही नेता व मंत्री वोट मांगने यहां चले आते हैं. चुनाव समाप्त होते ही सब भूल जाते हैं.
हमारी समस्या एक नहीं, कई है. वोट की राजनीति के लिए प्रत्येक चुनाव के दौरान ये नेता-मंत्री बड़े-बड़े वादे करते हैं. बाद में हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं. नजमा बेगम का कहना था कि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही रेड लाइट की जो महिला अब सेक्स वर्कर नहीं है, उनकी रोजी-रोटी के लिए सरकार की तरफ से भत्ता मुहैया कराया जायेगा. साथ ही जो महिलाएं रोजगार करना चाहती हैं, उन्हें विभिन्न रोजगारमूलक कार्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जायेगा.
सिलाई मशीन की प्रशिक्षण कुछ ही दिनों चली उसके बाद यह प्रशिक्षण केन्द्र बंद हो गया. श्री भट्टाचार्य ने आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि वाम सरकार के दौरान ही बहुत सारी सरकारी सुविधाएं बंद कर दी गई थी. टीएमसी के सत्ता में आते ही बंद सरकारी योजना वापस चालू की गई. उन्होंने रेड लाइट एरिया में बहुत सारी समस्याओं की बातों को स्वीकार किया. इसके लिए उन्होंने पिछले वाम पार्षद को दोषी ठहराया. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि यहां की सबसे बड़ी समस्या जल निकासी, सेक्स वर्करों की सुरक्षा व स्वास्थ्य की है. इन सभी समस्याओं को लेकर सरकार काफी चिंतित है. जल्द ही समस्याओं का निदान किया जायेगा.