आसनसोल : दसवीं की छात्रा सूफिया खातून की मौत को केंद्र कर शरारती तत्वों ने शनिवार सुबह एसबी गोराई रोड स्थित संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाई स्कूल में जमकर तोड़फोड़ की.
स्कूल बंद कराने व शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की मांग को लेकर छात्राओं से भी बदसलूकी की गयी. सूचना पाकर भारी संख्या में पुलिस बल ने पहुंच स्थिति को नियंत्रित किया. घटना को लेकर छात्राएं काफी सहमी हुई थी.
जानकारी के अनुसार स्कूल में एसेंबली होने के बाद सभी छात्राएं अपनी–अपनी कक्षाओं में चली गयी. इसी दौरान कुछ शरारती तत्व गार्ड से चाबी छीन मुख्य दरवाजे ताला खोल स्कूल परिसर में घुस गये. दर्जनों युवक, युवतियों ने विभिन्न कक्षाओं में तोड़फोड़ शुरू कर दी. कक्षाओं में खिड़की के कांच तोड़ डाले, ग्रिल का लॉक तोड़ दिया गया. सूचना पट्ट को क्षति पहुंचायी गयी.
आरोप है कि स्कूल की कुछ छात्राएं व पूर्व छात्राएं भी उनके साथ थी. शिक्षक–शिक्षिकाओं व कर्मचारियों से धक्का–मुक्की की गयी. स्कूल बंद करने का समर्थन न करने व आंदोलन में शामिल न होने पर छात्राओं की भी पिटायी कर दी गयी. कांच टूटने से करीब आधा दर्जन छात्राओं के हाथ कट गये. उनमें कक्षा सातवीं की प्रीति हेला, स्नेल मैथ्यूज शामिल हैं.
मौके पर तृणमूल युवा कांग्रेस के नेता गुरुदास चटर्जी, राजू आहलुवालिया, कांग्रेस नेता वीसेंट वीलर आदि पहुंचे. सूचना पाकर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी स्कूल पहुंचे. पुलिस के पहुंचते ही उपद्रवी फरार हो गये. इसके बाद वे दयानंद विद्यालय, डीएवी हाईस्कूल, दानिश गाह इसलामिया हाई स्कूल, रब्बानिया हाई स्कूल, संत जोसेफ हाई स्कूल गेट के समक्ष गये.
स्कूल गेट के समक्ष उनलोगों ने हंगामा करते हुए छात्र–छात्राओं से सहयोग की अपील की. लेकिन उक्त स्कूल छात्र–छात्राओं ने उन्हें सहयोग नहीं दिया. संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाई स्कूल में तोड़फोड़ व मारपीट से छात्राएं सहमी रहीं. कई छात्राएं डर कर रो रही थीं. शिक्षकों ने अभिभावक को सूचना दी.
कई छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ घर गयी. जबकि कुछ देर बाद स्कूल की सभी छात्राओं को छुट्टी दे गयी. मालूम हो कि 24 जुलाई को सूफिया की मौत आसनसोल जिला अस्पताल में इलाज के क्रम में हो गयी थी.
दो गुटों में बंट गयी थीं छात्राएं
इस मामले को लेकर छात्राएं दो गुटों में बंट गयी थीं. एक गुट तोड़फोड़ का विरोध कर रहा था.
दानिश गाह इसलामिया में हुआ पथराव
चमन तालाब स्थित दानिश गाह इसलामिया हाई स्कूल में कुछ शरारती तत्व पहुंचे. वहां उन लोगों ने गेट खोलने का प्रयास किया. लेकिन स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को बाहर निकलने नहीं दिया. स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष अलहज अब्दुर रउफ ने कहा कि छात्र की मौत पर उन्हें भी दुख है. सुबह साढ़े 10 बजे उन्हें सूचना मिली कि भीड़ उनके स्कूल की ओर आ रही है.
उन्होंने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी. पूर्व पार्षद गुरुदास चटर्जी व पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे. श्री रउफ ने कहा कि स्कूल में 1200 छात्र– छात्राएं व करीब एक सौ शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी है. उन लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर किसी को स्कूल से बाहर जाने नहीं दिया गया. युवकों के साथ संत मेरी गोरेटी गर्ल्स स्कूल की कुछ छात्राएं भी यहां आयी थीं. छात्र–छात्राओं को बाहर नहीं निकलने देने से नाराज लोगों ने ईंट–पत्थर चलाना शुरू कर दिया.
उनका कहना है कि मुद्दे पर शांति पूर्वक बैठक कर निर्णय लिया जा सकता है. उनकी इस हरकत से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गयी.हाटन रोड मिल्लत वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद जबीर हुसैन ने भी छात्र की मौत पर शोक जताया है. लेकिन कुछ लोग छात्राओं को बरगला रहे है. यह बंद होना चाहिए.
एडीसीपी ने किया हस्तक्षेप
गिरजा मोड़ के पास स्कूल छात्राओं के साथ बाहरी युवक व युवतियां सूफिया मौत के मामले में स्कूल की कुछ शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की मांग पर गोलबंद हो रहे थे. सूचना पाकर बड़ी संख्या में महिला पुलिस कर्मियों के साथ भारी संख्या में पुलिस कर्मी पहुंचे. गिरजा मोड़ से बाहरी युवकों को खदेड़ना शुरू किया.
मौके पर तृणमूल नेता गुरुदास चटर्जी, राजू अहलुवालिया, कांग्रेस नेता आकाश मुखर्जी भी पहुंचे. उन लोगों ने अतिरिक्त उप पुलिस आयुक्त (सेंट्रल) सुरेश कुमार से सूफिया मौत के मामले की जांच कर सच्चई जनता के सामने लाने की मांग की. अतिरिक्त उप पुलिस आयुक्त श्री कुमार के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ.