सिलीगुड़ी: तीन महीने पहले सेवक के कारोनेशन ब्रिज से कूद कर एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है और परिवार वालों ने सिलीगुड़ी के बिरला दिब्य ज्याति स्कूल पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.मृत छात्रा मनीष गिरि बिरला दिव्य ज्योति स्कूल में ही 12वीं कक्षा में पढ़ता था और 15 सितंबर 2014 को वह अचानक लापता हो गया था. बाद में 18 सितंबर 2014 को उसके शव को बरामद किया गया.
पुलिस और स्कूल प्रबंधन का कहना है कि मनीष गिरि ने आत्महत्या कर ली थी. लेकिन पविार वाले ऐसा मानने को तैयार नहीं हैं. आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मृत छात्र के पिता सीताराम गिरि ने स्कूल प्रबंधन तथा प्रिंसिपल श्वेता तिवारी के खिलाफ एक बार फिर गंभीर आरोप लगाये हैं.
श्री गिरि ने कहा कि उनका बेटा काफी होनहार था और वह विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था. उसने अपने मेधा के बदौलत बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल की थीं. वह शुरू से ही पढ़ाई में तेज था और हर वर्ष ही बेहतर परीक्षा परिणाम हासिल करता था. उन्होंने संवाददाताओं को मनीष गिरि को मिले कई प्रमाणपत्र भी दिखाये. उन्होंने कहा कि उनका बच्च अंदर से काफी मजबूत था और स्कूल प्रबंधन के दबाव में आकर उसने आत्महत्या की होगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिड़ला दिव्य ज्योति स्कूल को सीबीएसई ने दसवीं तक की ही मान्यता दी है. उसके बावजूद इस स्कूल में दसवीं के बाद की पढ़ाई भी की जाती है. गैर-कानूनी तरीके से 11 वीं और 12 वीं में दाखिला कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उनके बच्चे को इस बात की जानकारी मिल गई थी और तत्काल ही उसने स्कूल प्रबंधन से 11 वीं तथा 12 वीं कक्षा की मान्यता के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की थी. उसके बाद से इस मांग के समर्थन में उनके बच्चे ने आंदोलन की भी शुरूआत की थी. श्री गिरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से उनका बच्चा बिड़ला स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन कर रहा था, तभी से उसके ऊपर स्कूल प्रबंधन ने दबाव बनाना शुरू कर दिया. उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया.
उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करने तथा स्कूल की प्रिंसिपल श्वेता तिवारी को आरोपी बनाते हुए उनके गिरफ्तारी की मांग की.श्री गिरी ने कहा कि उनके द्वारा दर्ज मामले के बाद प्रिंसिपल श्वेता तिवारी ने अग्रिम जमानत के लिए दाजिर्लिंग के डिस्ट्रिक्ट में अपील की लेकिन उनकी अपील खारिज हो गयी.अदालत ने पुलिस को श्वेता तिवारी के गिरफ्तारी के आदेश दिये.उसके बाद उन्होंने कलकत्ता हाइ कोर्ट में जमानत याचिका दायर की लेकिन वहां भी उनकी जमानत याचिका रद्द हो गयी.श्री गिरी ने कहा कि उसके बाद भी आरोपी प्रिंसिपल की अबतक गिरफ्तारी नहीं हुयी है और वह खुलेआम घुम रही है.पुलिस ने अदालत को आरोपी के फरार होने की बात कही है,जबकि पुलिस कमिश्नर जगमोहन स्कूल के कार्यक्रमों में आरोपी प्रिंसिपल के साथ एक साथ नजर आते हैं. श्री गिरी ने कहा कि बेटे की मौत के बाद वह पूरी तरह से टूट गये हैं. उसके बाद भी वह इंसाफ चाहते हैं. इंसाफ की मांग में वह अपने पूरे परिवार के साथ दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन कहीं से उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तक से इंसाफ की गुहार लगा चुके हैं. श्री गिरी ने बताया कि उनके बेटे के मौत की निष्पक्ष जांच तथा बिड़ला दिव्य ज्योति स्कूल की आरोपी प्रिंसिपल श्वेता तिवारी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जो चिट्ठी लिखी थी उसका एक जवाब उन्हें मिला है. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उन्हें दी गई चिट्ठी में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पूरे मामले की की जांच के लिए कहा गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के सेक्शन ऑफिसर वी बी हरिहरन ने पत्रंक संख्या पीएमओ/ पीएमपी/ 14/00029477 के जरिये राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. श्री गिरी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मिली चिट्ठी के बाद इंसाफ की उम्मीद बंधी है, लेकिन फिर भी यदि कार्रवाई नहीं होती है, तो वह बिड़ला दिव्य ज्योति स्कूल के सचिव आरके गनेरियालवाल एवं शारदा बिड़ला के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में मुकदमा दायर करेंगे.
क्या है मामला
डुवार्स के नागराकाटा का रहने वाला मनीष गिरि सिलीगुड़ी के उत्तरायण स्थित बिरला दिव्य ज्योति स्कूल में 12वीं कक्षा का छात्र था. 17 वर्षीय यह छात्र स्कूल में साइंस की पढ़ाई करता था.एक दिन उसकी आत्महत्या की बात सामने आयी. पुलिस ने उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद की थी. परिवार के लोग इसे आत्महत्या का मामला मानने से इनकार कर रहे हैं और पूरे मामले की जांच को लेकर कानूनी लड़ाइ लड़ रहे हैं.