सिलीगुड़ी: करीब 200 करोड़ रुपये के कथित एसजेडीए घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने एसजेडीए के कई वरिष्ठ अधिकारियों एवं ठेकेदारों के कई बैंक खाते फ्रीज कर दिये हैं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इडी ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रारंभिक जांच में मिले सुबूतों के आधार पर 27 बैंक खाते फ्रीज कर दिये हैं. इस खबर के सामने आने के बाद से सिलीगुड़ी में हड़कंप मचा हुआ है.
सूत्रों ने बताया है कि जो 27 बैंक खाते फ्रीज किये गये हैं, उनमें 17 करोड़ रुपये की राशि जमा है. इसमें एसजेडीए के कार्यकारी अभियंता एमएम सरकार का बैंक खाता भी शामिल है. उल्लेखनीय है कि एसजेडीए क्षेत्र में विद्युत शवदाह गृह निर्माण करने, महानंदा एवं जोड़ापानी नदी के साफ-सफाई करने आदि पर करीब 200 करोड़ रुपये बगैर काम के ही भुगतान कर दिये जाने का मामला सामने आया है.
जिस समय यह मामला सामने आया, उस समय एसजेडीए के चेयरमैन सिलीगुड़ी के विधायक रूद्रनाथ भट्टाचार्य थे. तत्कालीन पुलिस कमिश्नर जयरमण ने तब इस मामले को लेकर रूद्रनाथ भट्टाचार्य के साथ ही कांग्रेस विधायक शंकर मालाकार तथा कई अन्य तृणमूल कांग्रेस एवं कांग्रेस नेताओं से पूछताछ की थी. घोटाले के समय एसजेडीए के सीइओ गोदाला किरण कुमार थे. बाद में उनका तबादला जिला शासक के रूप में मालदा कर दिया गया. के जयरमण ने उनसे भी पूछताछ की थी और उनको गिरफ्तार कर लिया था.
इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि एक ही दिन में गोदाला किरण कुमार को जमानत दे दी गयी और के जयरमण को सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया. इस बीच, विपक्ष ने इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है. माकपा के नेताओं का कहना है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से एसजेडीए में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है और इसमें तृणमूल के कई नेता शामिल हैं. माकपा नेताओं ने आगे कहा कि वह पहले भी इस मामले की सीबीआई जांच कर रहे थे और आज भी इस मांग पर कायम हैं.