सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच के रामघाट इलाके में विद्युत शवदाह गृह के निर्माण को लेकर जो विवाद उत्पन्न हुआ था, वह धीरे धीरे गहराता जा रहा है.
आरोप है कि उस दौरान मंत्री गौतम देव ने विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों की पिटाई कर दी थी और बाद में कई लोगों के खिलाफ सिलीगुड़ी थाने में सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया था. उसके बाद महानंदा मंडल नामक एक श्ख्स की गिरफ्तारी हुई, जो बाद में जमानत पर छूट गया. इस मामले में पांच नंबर वार्ड कमेटी के अध्यक्ष राजेश यादव का भी नाम था. अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए श्री यादव ने आज सिलीगुड़ी अदालत में आत्मसमर्पण किया, जहां से बाद में उन्हें सशर्त जमानत दे दी गयी.
सिलीगुड़ी अदालत में रामघाट मामले के साथ साथ राजेश यादव के खिलाफ 29.04.14 को दर्ज हुए चोरी के मामले में एक एफआइआर पर भी सुनवाई हुई.
बचाव पक्ष के वकील संदीप मंडल ने एसीजेएम निरंजन मौलिक की अदालत में कहा कि झूठे मामले में राजेश यादव के खिलाफ मामले दर्ज किये गये है. इसमें से चोरी का मामला तो अब बनता ही नहीं है, क्योंकि काफी पहले ही दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से इस विवाद को खत्म कर दिया गया था और अदालत में इस संबंध में एफिडेविट भी दाखिल करा दी गयी है. दूसरी तरफ सरकारी वकील सुदीप राय बासुनिया ने जमानत याचिका का विरोध किया. दोनों पक्षों के बीच काफी बहस के बाद अदालत में राजेश यादव को सशर्त जमानत दे दी.
उन्हें सप्ताह में तीन दिन सिलीगुड़ी थाने में हाजिरी देनी होगी. जमानत पर रिहा होने के बाद राजेश यादव ने उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव पर निशाना साधते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता गुंडा-गरदी के जरिये अपने विरोधियों को परेशान कर रहे हैं और इस मामले में पुलिस भी उनकी मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि वह विकास विरोधी नहीं है. वार्ड नंबर पांच में यदि हिंदी स्कूल की स्थापना होती है, आम लोगों को पट्टा मिलता है तथा अन्य विकास के काम किये जाते हैं, तो वह उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव का समर्थन करेंगे. उन्होंने गौतम देव को धमकी देते हुए कहा कि वह आग से खेल रहे हैं और आने वाले दिनों में वह मंत्री के ईट का जवाब पत्थर से देंगे. श्री यादव ने कहा कि मंत्री को न तो संविधान की जानकारी है और न ही उनके पास किसी प्रकार की इंसानियत बची है. उन्हें यह नहीं पता कि जिस आग से वह आज खेल रहे हैं, एकदिन उसी आग में जल जायेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जब गौतम देव रामघाट विद्युत शवदाह गृह निर्माण के लिए शिलान्यास करने गये थे, तब स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया था. उन्होंने विरोध करने वाले कुछ युवकों की पिटाई भी की थी.