सिलीगुड़ी : चिटफंड मामले में सीबीआई की उत्तर बंगाल की टीम ने ने एक फर्जी कंपनी के मास्टरमाइंड सिद्धार्थ नाग को दिल्ली से गिरफ्तार किया. असम-बांग्लादेश बॉर्डर करीमगंज निवासी सिद्धार्थ नाग पर फर्जी कंपनी की आड़ में गैरकानूनी तरीके से बाजार से 9.13 करोड़ वसूलने का आरोप है. बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ की कंपनी सेबा रियल एस्टेट लिमिटेड ने सिलीगुड़ी में भी काफी लोगों को चूना लगाया था.
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सीबीआइ ने फर्जी चिटफंड कंपनी के मास्टरमाइंड को दिल्ली से दबोचा
सिलीगुड़ी : चिटफंड मामले में सीबीआई की उत्तर बंगाल की टीम ने ने एक फर्जी कंपनी के मास्टरमाइंड सिद्धार्थ नाग को दिल्ली से गिरफ्तार किया. असम-बांग्लादेश बॉर्डर करीमगंज निवासी सिद्धार्थ नाग पर फर्जी कंपनी की आड़ में गैरकानूनी तरीके से बाजार से 9.13 करोड़ वसूलने का आरोप है. बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ की […]
दिल्ली अदालत में पेश कर आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर शनिवार को सीबीआई की टीम सिलीगुड़ी पहुंची. जहां आरोपी सिद्धार्थ नाग को सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश किया गया. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद आरोपी को तीन दिनों की सीबीआई रिमांड पर रखने का निर्देश दिया. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक आगामी मंगलवार को एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई होगी.
शनिवार को सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेशी के बाद पब्लिक प्रॉसिक्यूटर दिपक कोरिया ने बताया कि चिटफंड मामले में सीबीआई ने सिद्धार्थ को 20 फरवरी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना क्षेत्र के किसी व्यक्ति ने भी इसकी कंपनी में पैसा लगाया था. उन्होंने बताया कि ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी को दिल्ली से सिलीगुड़ी लाया गया. कोर्ट में पेशी के बाद उसे तीन दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है.
गौरतलब है कि सारदा-नारदा चिटफंड मामला सामने आने के बाद राज्य में एक के बाद एक फर्जी कंपनियों का मामला उजागर हुआ था. पैसे को दोगुना करने का लालच देकर कई कंपनियों ने लाखों भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाया था. इस मामले में सरकार ने कई कंपनियों की चल-अचल संपत्ति को भी जब्त कर लिया था. इसके अलावे चिटफंड मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तार भी हो चुकी है.
वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गयी थी. ज्ञात हो कि सेबा रियल एस्टेट लिमिटेड कंपनी असम से संचालित होती थी. इस कंपनी का कारोबार असम, कोलकाता, सिलीगुड़ी तथा अन्य जगहों पर भी फैला हुआ है. सिलीगुड़ी में भी एक व्यक्ति इस कंपनी के फर्जीवाड़ा का शिकार हुआ था.
जिसके बाद उसने वर्ष 2013 में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस अंतर्गत प्रधान नगर थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद चिटफंड मामला सीबीआई के हाथ में जाते ही इस कंपनी के कई लोगों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया.
सीबीआई लंबे समय से फर्जीवाड़ा के मास्टर माइंड सिद्धार्थ नाग की तलाश कर रही थी. आखिरकार वो भी सीबीआई के हत्थे चढ़ गया. शुक्रवार को उसे दिल्ली कोर्ट में पेश कर जांच के सिलसिले में सिलीगुड़ी लाया गया.
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