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टूट के कगार पर आदिवासी विकास एवं सांस्कृतिक बोर्ड

बोर्ड के तीन सदस्यों ने सीएम को पत्र देकर की बिरसा तिर्की को हटाये जाने की मांग जलपाईगुड़ी : पश्चिमबंग आदिवासी विकास एवं सांस्कृतिक बोर्ड के चेयरमैन बिरसा तिर्की पर एकमुश्त आरोप लगाकर बोर्ड के तीन सदस्यों ने उन्हें पद से हटाये जाने की मांग की है. ये तीनों सदस्य हैं, कर्सियांग महकमा के सत्य […]

बोर्ड के तीन सदस्यों ने सीएम को पत्र देकर की बिरसा तिर्की को हटाये जाने की मांग

जलपाईगुड़ी : पश्चिमबंग आदिवासी विकास एवं सांस्कृतिक बोर्ड के चेयरमैन बिरसा तिर्की पर एकमुश्त आरोप लगाकर बोर्ड के तीन सदस्यों ने उन्हें पद से हटाये जाने की मांग की है. ये तीनों सदस्य हैं, कर्सियांग महकमा के सत्य नारायण बड़ाईक, कृपा तिर्की और एनेम भेंगरा. इन्होंने जलपाईगुड़ी के जिलाधिकारी एवं बोर्ड के पदेन सदस्य अभिषेक तिवारी के माध्यम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र देकर बिरसा तिर्की को चेयरमैन पद से हटाये जाने की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि बोर्ड में 31 सदस्य हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि बिरसा तिर्की जीटीए क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के लिये कुछ नहीं कर रहे हैं. आरोप यह भी है कि बोर्ड के वाइस चेयरमैन और रकम निकासी के लिये सिगनेटरी तृणमूल विधायक बुलु चिक बड़ाइक को उनके पद से हटा दिया गया है.
शिकायत पत्र में कहा गया है कि बोर्ड बैठक में उनकी बातें ठीक से नहीं सुनी जाती हैं. उन्हें कुछ बोलने नहीं दिया जाता है. प्रतिवाद करने पर उन्हें पद से हटाये जाने की धमकी दी जाती है. इन्होंने बिरसा तिर्की पर अपने घनिष्ठ लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. आरोप है कि बिरसा डुआर्स-तराई-आदिवासी टास्क फोर्स के चेयरमैन के रुप में भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने विभिन्न योजनाओं की जानकारी के लिये बीते 14 मई को 35 सवाल करते हुए आरटीआई किया है. लेकिन अभी तक उनका उत्तर नहीं मिला है. पत्र में बोर्ड का पुनर्गठन कर बिरसा तिर्की को हटाने की मांग की गयी है.
आरोप यह है कि बोर्ड की सदस्य सचिव आदिवासी कल्याण विभाग के अधिकारी दुलेन राय को भी उनके पद से हटाये जाने की साजिश रची जा रही है. तृणमूल विधायक बुलु चिक बड़ाइक ने बताया कि उन्हें आर्थिक लेनदेन के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. चेयरमैन ऐसा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को विस्तार से इसकी जानकारी दी है. दुलेन राय का मंतव्य नहीं मिल सका है.
कोलकाता से फोन पर बिरसा तिर्की ने उन पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि टास्क फोर्स के अधिकार क्षेत्र में जीटीए क्षेत्र नहीं आता है. बोर्ड की बैठक नियमानुसार ही की जाती है. सत्यनारायण बड़ाइक ने कई बैठकों में अप्रासंगिक बातें उठाकर बैठक को बाधित करने का प्रयास किया. कई सदस्यों ने उन्हें बैठक से बाहर कर दिया था.
वह किसी के शत्रु नहीं हैं. उन पर लगे आरोपों का जवाब वह बोर्ड बैठक में देंगे. हमने पांच करोड़ रुपये खर्च किये हैं. उनका हिसाब आदिवासी कल्याण विभाग को मालूम है. जिलाधिकारी अभिषेक तिवारी ने बताया कि उन्हें तीनों बोर्ड सदस्यों की शिकायत मिली है. शीर्ष अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गयी है.

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