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फल व सब्जी व्यापार किया ठप

सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट में एक और विवाद सिलीगुडी : कच्चे मालों की मंडी सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट में आलूपट्टी की आग अब फल मंडी तक पहुंच गयी है. मजदूरी के मुद्दे पर चार दिनों के बाद आज पांचवें दिन शांतिपूर्ण प्रशासनिक बैठक के बाद सभी पक्षों की सहमति पर जहां आलूपट्.टी का बाजार खोल देने का […]

सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट में एक और विवाद

सिलीगुडी : कच्चे मालों की मंडी सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट में आलूपट्टी की आग अब फल मंडी तक पहुंच गयी है. मजदूरी के मुद्दे पर चार दिनों के बाद आज पांचवें दिन शांतिपूर्ण प्रशासनिक बैठक के बाद सभी पक्षों की सहमति पर जहां आलूपट्.टी का बाजार खोल देने का ऐलान कर दिया गया.

वहीं फल मंडी में मजदूरी वृद्धि पर आपसी सहमति न होने के कारण आज से फल व सब्जी व्यापार ठप कर दिया गया. मजदूरी वृद्धि के मुद्दे पर एसडीओ के नये फैसले को न मानने के कारण आज फल मंडी के फल व सब्जी बिक्रेता एवं मजदूरों में ठन गई और गद्दी मालिकों ने जहां अपने शटर डाउन कर दिये, वहीं मजदूरों ने लोडिंग-अनलोडिंग का काम बंद कर दिया.

दूसरी ओर मजदूरी के नये रेट को लेकर तृणमूल अनुमोदित ट्रेड यूनियन आईएनटीटीयूसी के बैनरतले फल मंडी व आलूपट्टी में मजदूरों ने विशाल रैली निकाली. रैली का नेतृत्व प्रसुन दास गुप्ता, अरूप ब्रतन घोष, पवन कुमार साह, पलटन यादव, रानू यादव, उमा शंकर यादव, अवधेश सिंह, नंदन सिंह, कुशेश्वर सिंह, देवानंद, राजकुमार व अन्य कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में हुआ.

आईएनटीटीयूसी के दाजिर्लिंग जिला अध्यक्ष अरूप ब्रतन दास का कहना है कि बीत 22 जुलाई को एसडीओ एवं सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट के चेयरमैन डॉ. दीपप प्रिया पी. ने त्रिपक्षीय वार्ता के बाद सभी के सहमति से मजदूरी वृद्धि पर नयी रेट निर्धारित की थी, जिसे मालिक व मजदूर पक्षों ने मान भी लिया.

लेकिन किसी दबाव में आकर अचानक 30 सितंबर को एसडीओ ने अपने निर्धारित नये रेट को रद्द कर 15 दिनों के लिए टाल दी. इसके बाद से ही मालिक पक्ष 22 सितंबर को निर्धारित नयी रेट मजदूरों को देने से इंकार कर रहा है. फल मंडी के मजदूर भाइयों को जब तक यह नयी रेट नहीं मिलती है तब तक मजदूर भाई लोडिंग-अनलोडिंग का काम नहीं करेंगे.

15 दिनों के बाद भी अगर मजदूरी वृद्धि पर कोई उचित फैलसा नहीं होता है, तो आईएनटीटीयूसी मजदूरों के हक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी. वहीं मालिक पक्ष की ओर से फ्रूटर्स एंड वेजीटेवल कमिशन एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतरंजन आइस एवं सचिव शिव कुमार का कहना है कि एसडीओ द्वारा 30 जुलाई को जो चिट्ठी दी गई है उसमें साफ लिखा है कि 22 जुलाई को निर्धारित किया गया नया रेट जल्दबाजी में लिया गया फैसला है, इस पर वापस 15 दिनों के अंदर त्रिपक्षीय वार्ता कर नये सिरे से नतीजा निकाला जाएगा.

तब तक पुराने समझौते के अनुसार ही मजदूरों को मजदूरी दी जाए. एसडीओ के इस निर्देश को हम लोग मानने को तैयार हैं, लेकिन मजदूर पक्ष लोगों के बहकावे में आकर इसे मानने को राजी नहीं हैं.

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